साभार: जागरण समाचार
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी का चुनाव घोषणापत्र जारी होने से पहले केंद्र सरकार में 22 लाख खाली पड़े पदों को साल भर में भरने का वादा किया है। कांग्रेस का चुनाव घोषणापत्र जारी होने से पहले राहुल ने युवाओं को
साधने के लिए यह बड़ा दांव चला है। राहुल गांधी मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस का चुनाव घोषणापत्र जारी करेंगे। इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।
राहुल ने ट्वीट के जरिये घोषणा करते हुए कहा है कि सरकार में आज 22 लाख खाली पद पड़े हैं और हम सत्ता में आए तो 31 मार्च 2020 तक इन पदों को भर देंगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने राज्य सरकारों को भी खाली पद भरने के लिए केंद्रीय योजनाओं के फंड को इससे लिंक करने की बात कही है।
रोजगार के मोर्चे पर 'न्याय' न्यूतनम आय योजना का सबसे बड़ा चुनावी वादा राहुल पहले ही कर चुके हैं। इसमें पांच करोड़ परिवारों को 6000 रुपये महीने के हिसाब से 72000 रुपये सालाना देने का प्रस्ताव है।
आज घोषणापत्र में ये वादे संभव
- कर्ज माफी का बड़ा वादा हो सकता है।
-किसानों का बिजली बिल भी आधा करने का प्रस्ताव।
-फसल का लाभकारी मूल्य दिलाने का भरोसा।
- हर नागरिक को स्वास्थ्य की गारंटी का कानूनी अधिकार का वादा संभव।
-संसद और विधानसभाओं के साथ केंद्र सरकार की नौकरियों में भई 33 फीसद महिला आरक्षण का वादा संभव। -मेयर का पांच साल के लिए सीधे चुनाव करने की फिर व्यवस्था। जनता सीधे मेयर के साथ-साथ नगर परिषद भी चुनेगी।
-उच्च शिक्षा के क्षेत्र के लिए होंगे क्रांतिकारी बदलाव से जुड़े प्रस्ताव।
- नोटबंदी से बेहाल छोटे-मझोले उद्योगों को फिर से पटरी पर लाने की होगी रूपरेखा।
-जीएसटी की खामियों को दुरुस्त करने का वादा भी।-युवा उद्यमी को प्रोत्साहित करने के लिए पहले तीन साल तक टैक्स से छूट का वादा पहले ही हो चुका।
-किसानों का बिजली बिल भी आधा करने का प्रस्ताव।
-फसल का लाभकारी मूल्य दिलाने का भरोसा।
- हर नागरिक को स्वास्थ्य की गारंटी का कानूनी अधिकार का वादा संभव।
-संसद और विधानसभाओं के साथ केंद्र सरकार की नौकरियों में भई 33 फीसद महिला आरक्षण का वादा संभव। -मेयर का पांच साल के लिए सीधे चुनाव करने की फिर व्यवस्था। जनता सीधे मेयर के साथ-साथ नगर परिषद भी चुनेगी।
-उच्च शिक्षा के क्षेत्र के लिए होंगे क्रांतिकारी बदलाव से जुड़े प्रस्ताव।
- नोटबंदी से बेहाल छोटे-मझोले उद्योगों को फिर से पटरी पर लाने की होगी रूपरेखा।
-जीएसटी की खामियों को दुरुस्त करने का वादा भी।-युवा उद्यमी को प्रोत्साहित करने के लिए पहले तीन साल तक टैक्स से छूट का वादा पहले ही हो चुका।