साभार: जागरण समाचार
पिछड़ों को आगे बढ़ाने की मुहिम में जुटी सरकार अब अनुसूचित जाति व अन्य पिछड़ा वर्ग की तर्ज पर सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को भी छात्रवृत्ति दे सकती है। फिलहाल इसे लेकर सरकार के भीतर तेजी से
तैयारी चल रही है। सभी राज्यों से ईडब्लूएस कोटे के दायरे में आने वाले छात्रों का ब्योरा भी मांगा गया है। वैसे तो अभी भी सरकार सामान्य वर्ग के गरीबों को छात्रवृत्ति देती है, लेकिन इसके दायरे में सिर्फ एक लाख सालाना आमदनी वाले ही हैं। जिसे बढ़ाकर ढाई लाख रुपये सालाना किया जा सकता है।
सरकार के भीतर सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को लेकर यह पूरी कवायद ईडब्लूएस कोटे के निर्धारण के साथ आरक्षण मिलने के बाद तेज हुई है। इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की तरह सामान्य वर्ग के पिछड़े (ईडब्लूएस) लोगों को भी आठ लाख की सालाना आय के दायरे में रखा गया है।
बावजूद इसके अभी छात्रवृत्ति के लिए जो आय पात्रता तय की गई है, उनमें एससी, ओबीसी और ईडब्लूएस कोटे में भारी अंतर है। एससी और ओबीसी की छात्रवृत्ति पात्रता के दायरे में जहां सालाना ढाई लाख तक के आय वर्ग को रखा गया है, वहीं ईडब्लूएस छात्रवृत्ति के दायरे में एक लाख तक सालाना आय वर्ग को ही रखा गया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रलय से जुड़े सूत्रों की मानें तो यह पूरी कवायद ईडब्लूएस और एससी- ओबीसी के बीच छात्रवृत्ति पात्रता के इस दायरे में एक जैसा करने की है। ताकि ईडब्लूएस वर्ग को भी आरक्षण का सही लाभ मिल सके।
फिलहाल इसे लेकर तैयारी तेज से चल रही है। पर इसे लागू करने का फैसला नई सरकार पर होगा। इसके तहत एससी और ओबीसी की तरह ईडब्लूएस वर्ग की छात्रवृत्ति की पात्रता दायरे को एक लाख से बढ़ाकर ढाई लाख तक किया जा सकता है। इसमें ईडब्लूएस कोटे के ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिल सकेगा। मौजूदा स्थिति में सरकार ने पिछले पांच सालों में सामान्य वर्ग के गरीब परिवारों के करीब पांच लाख बच्चों को छात्रवृत्ति दी है।