साभार: जागरण समाचार
सोनीपत का एक गैंग कैंसर के मरीजों की मौत के बाद उन्हें वाहन से कुचलकर वाहन दुर्घटना बीमा की राशि क्लेम कर लेने का हैवानी खेल खेल रहा था। गिरोह के लोग कैंसर मरीजों के परिजनों से संपर्क कर उनके नाम
पर बीमा करा देते थे। फिर मरीज की मौत होते ही परिजनों की इजाजत से उसके शव को वाहन से कुचल देते थे और कंपनियों से बीमे की रकम ऐंठ लेते थे।
इस घृणित काम में डॉक्टर, पुलिसकर्मी और वकील उनकी मदद करते थे। गिरोह का सरगना भी वकील है। स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) की सोनीपत इकाई ने गिरोह के तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल, बार-बार एक ही तरह के क्लेम के कई मामले सामने आने पर कंपनी को संदेह हुआ तो वहां से पुलिस से संपर्क किया गया तो यह सनसनीखेज खुलासा हुआ।
पुलिस गिरफ्त में आया गिरोह का सरगना पवन भौरिया सोनीपत के ही गांव सेवली का रहने वाला है और पेशे से वकील है। गिरफ्तार हुए बाकी दोनों अभियुक्त मोहित और विकास भी सोनीपत के ही रहने वाले हैं। मोहित गांव रिंढाना का और विकास गांव गुमाना का रहने वाला है। इनकी गिरफ्तारी से एसटीएफ ने आठ मामले सुलझने का दावा किया है और लगभग 100 मामलों में गिरोह की संलिप्तता की आशंका जताई है। एसटीएफ के डीएसपी राहुल देव ने बताया कि गिरोह के लोग कैंसर मरीजों की मौत को सड़क हादसा दिखाने के बाद पीजीआइएमएस रोहतक से इलाज के रिकॉर्ड की फाइल भी गायब करवा देता था ताकि मामला कभी पकड़ में न आ सके। गिरोह के सदस्य पीजीआइ रोहतक से कैंसर के मरीजों का डाटा निकालने के साथ ही गांवों में भी इसके मरीज को तलाशते थे। फिर मरीज के परिजनों से संपर्क करते और बीमा की रकम दिलाने का लालच देकर मरीज की बीमारी छिपाकर एक साथ कई कंपनियों में बीमा करवाते थे।