साभार: भास्कर समाचार
पद्मश्री और द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित नेशनल वुमन कबड्डी टीम की महिला कोच सुनील डबास पर बुधवार देर रात अज्ञात लोगों ने जिला लघु सचिवालय के पास हमला कर किया। कोच पर करीब 100 की स्पीड में 20
बार गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की गई। डबास ने डिवाइडर कूद कर, कभी पेड़ का सहारा लेकर जान बचाई। वह 20 मिनट तक पुलिस के इमरजेंसी नंबर पर फोन करती रहीं, लेकिन आधा घंटे से ज्यादा देर तक उन्हें मदद नहीं मिली। बाद में पहुंची पुलिस ने कोच को रात 12 बजे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया।
इसके बाद कोच के पति ने उन्हें मेदांता मेडिसिटी पहुंचाया। शिवाजी नगर थाना प्रभारी ने बताया कि केस दर्ज कर लिया गया है। द्रोणाचार्य कॉलेज की शिक्षिका सुनील डबास ने कहा कि मुझे मारने की कोशिश की गई, लेकिन पुलिस ने रेस ड्राइविंग और मारपीट जैसी धाराओं में केस दर्ज किया है।
यह विवाद भी: जिला कोर्ट का नया भवन बन रहा है। ठेकेदार मिट्टी को बाहर ग्राउंड में गिरा रहा है। इससे आसपास के लोगों को परेशानी हो रही है। कृषि विभाग में उपनिदेशक आत्माराम गोदारा ने कहा कि ठेकेदार और अन्य लोग विभाग की जमीन पर अवैध पार्किंग कर रहे हैं। इसकी शिकायत डीसी से पहले भी की गई थी। डबास ने भी शिकायत डीसी को दी थी।
मैं जिला लघु सचिवालय के पास रहती हूं। बुधवार रात बुजुर्ग पिता को टहलाने ले गई थी। तभी डंपर वाले मेन गेट को तोड़ रहे थे। मैं पूछने गई तो उन्होंने हमला कर दिया। चंडीगढ़ नंबर की कार में सवार दो युवकों ने करीब 100 की स्पीड से गाड़ी मेरी तरफ दौड़ाई। गाड़ी करीब आई तो छह फीट जंप कर मैंने जान बचाई। संभलते ही आरोपी ने फिर से मुझे कुचलने की कोशिश की, तब मैं डिवाइडर कूद गई। फिर मैंने पेड़ का सहारा लिया तो गाड़ी पेड़ से टकरा गई। पत्थर उठाकर मुकाबले की कोशिश की तो तीन स्कार्पियो मौके पर और गईं। उसमें करीब 15 बाउंसर थे। मैं एथलीट होती तो मौत पक्की थी। हमलावर बोल रहे थे कि इसे खत्म करो नहीं तो ये सुबह बखेड़ा खड़ा करेगी। इसे कार में डालो और काम समाप्त कर दो। आरोपी चीफ साहब, जेई साहब कह कर कुछ लोगों को बुला रहे थे। कुछ देर बाद दो पुलिस वाले आए।' -सुनील डबास