Monday, October 9, 2017

हरियाणा पंजाब की सीमा पर सरपंच सुखविंद्र कौर का गाँव तलवाड़ा, जो चंडीगढ़ से नहीं है कम

साभार: भास्कर समाचार
यह है फतेहाबाद जिले का गांव तलवाड़ा। हरियाणा पंजाब को जोड़ने वाले कुलां-जाखल रोड पर स्थित यह साढ़े तीन हजार की आबादी वाला छाेटा सा
गांव शहरोें की तरह सुविधाओें से परिपूर्ण है। यह नजीर है इच्छाशक्ति की। उनके लिए सीख है जो विकास के लिए संसाधनों का रोना रोते हैं। यहां की हर गली इंटरलॉकिंग ईंट से बनी है। लेक का अहसास हो इसलिए तालाब के किनारे इंटरलॉक सड़क के साथ फुटपाथ भी बनाया गया है। यहां लोग मॉर्निंग वॉक करते हैं। मेन रोड पर सुंदर पार्क बने हैं। इसमें झूले, आकर्षक पेंटिंग, डिजाइनदार डस्टबिन, पत्थर की स्टाइलिस्ट कुर्सियां और बेंच लगे हैं। सुंदर स्थाई वास बेसिन भी लगी है। दो पार्क बन चुके हैं। दो-तीन और बन रहे हैं। सड़क के किनारे मकानों के बाहर हरियाली के लिए अलग से सिस्टम बनाया जा रहा है। यह सब हुआ है सिर्फ एक बेटी के कहने पर। वह बेटी है गांव की दसवीं पास सरपंच सुखविंद्र कौर और ग्रेजुएट प्रदीप शर्मा की। आगेकी कहानी उन्हीं की जुबानी...  
मेरी बेटी पल्लवी शर्मा चंडीगढ़ में रहती है। वह वहां पंजाब यूनिवर्सिटी से स्नातक कर रही है। चंडीगढ़ की व्यवस्था, वहां की सुंदरता, सुखना लेक के आसपास बने फुटपाथ, वहां की कॉलोनियों में बने व्यवस्थित पार्क और उनकी हरियाली ने उसे बहुत प्रभावित किया। वह जब भी गांव आती तो कहती कि पापा अपने गांव में ऐसी व्यवस्था क्याें नहीं हो सकती। इसके बाद जब सरपंची हमारे पास आई तो हमने गांव का इसी तरह सुंदर बनाने का विचार पंचायत में रखा, सभी ने सहमति जताई तो हमने काम शुरू किया। इंटरनेट पर देखा कि विदेशों में किस तरह से सड़कों क्षेत्र को सुंदर बनाया जाता है। फुटपाथ के तरह-तरह के डिजाइन आए, पार्क देखने को मिले, उसमें किस तरह का सामान हो, यह सब भी देखा। वहीं साइन बोर्ड भी देखे, वहां पर सब इंग्लिश में लिखा था तो हमने भी ऐसा ही करने का निर्णय लिया। फिर गांव में हर सरकारी अहम भवन के लिए संकेतक बोर्ड दिल्ली से बनवाए। रेडियम कोट होने के कारण रात के समय में ये काफी चमकते हैं। इसी तरह इंटरलॉकिंग सड़कें बनवाईं। रेड कलर की टाइल से फुटपाथ बनवाया। जगह-जगह ग्रीनरी की सुविधा की। इन सब पर करीब 35 लाख रुपए का खर्च आया। हमारा गांव हरियाणा स्वर्ण जयंती पर एक लाख का पुरस्कार जीत चुका है। खुले में शाैच मुक्त अभियान के तहत एक लाख का पुरस्कार जीता। स्वच्छता अभियान में जाखल खंड में प्रथम रहा है।