साभार: भास्कर समाचार
हम सबने यह सुना है कि अच्छे निर्णय अनुभव से होते हैं। अनुभव चाहे अच्छा रहा हो या बुरा, सीखने में मदद करता है और बेहतर निर्णय लेने की क्षमता विकसित करता है। गलतियां तो हर किसी के व्यक्तिगत या
प्रोफेशनल जीवन का हिस्सा होती हैं। लेकिन सफलता तभी आती है जब आप अपनी गलतियों से सीख लेते हैं और उन्हें दोहराते नहीं हैं। साइकोलॉजी कहती है कि जब भी हम कोई गलती दोहराने वाले होते हैं, उससे पहले दिमाग एक सेकंड से भी कम समय में हमें अलर्ट करता है। आइए जानते हैं कि हम कैसे अपनी गलतियों से सीख सकते हैं। गलतियों को स्वीकार करना: हम अपनी गलतियों से तभी सीख पाएंगे, जब पहले हम इन्हें स्वीकार करना सीखेंगे। यह सीखने की ओर पहला कदम होता है। हमारे अंदर इतना साहस होना चाहिए कि हम गलतियों को भी सराह सकें क्योंकि कक्षा अलग से भी हमें शिक्षा देती हैं। कोई भी परफेक्ट नहीं होता है, लेकिन सफलता की ओर बढ़ने के लिए यह जरूरी है कि अपनी गलतियां स्वीकारें और इन्हें सुधारने के लिए काम करें। अपनी गलतियों से बचने के लिए बहाने बनाने या खुद का बचाव करने की कोशिश करें। गलती का मतलब यह नहीं कि आगे प्रयास नहीं करें, बल्कि इससे सीख लेकर वही गलती दोबारा नहीं करें। किसी भी समस्या को हल तभी किया जा सकता है जब हमें पता होगा कि समस्या क्या है।
सुधार करना: जब एक बार आप अपनी गलतियों और खामियों को स्वीकार कर लेते हैं, तो इस पर सुधार करने की जरूरत होती है। यह समझने की कोशिश करें कि आपसे गलती कहां हुई है और फिर इसका हल ढूंढने की कोशिश करें। यदि आप उसी जगह पर रुके रहेंगे, तो आप खुद को वही गलती दोहराने से नहीं रोक सकते हैं। इससे बचने के लिए आपको अपनी हार्ड और सॉफ्ट स्किल को बेहतर करना होगा। सब्र रखने की और ज्यादा ध्यान से काम करने की आदत बनानी होगी। गलती के सुधार के लिए आप अपने परिवार या मित्रों की मदद ले सकते हैं। अपने संस्थान या ऑफिस में किसी मेंटर की सलाह भी इसमें कारगर हो सकती है।
दूसरों से मदद लेना: यदि आप किसी ऐसी परिस्थिति में हैं, जिसे आप अकेले नहीं संभाल पा रहे हैं, तो आप किसी दूसरे व्यक्ति की भी मदद ले सकते हैं। मार्गदर्शन के लिए किसी मेंटर या बुजुर्ग से सलाह ले सकते हैं। हो सकता है कि वे भी पहले ऐसी किसी परिस्थिति से गुजरे हों। ऐसे में उनकी सलाह काफी काम सकती है। अाप उनके अनुभवों से सीख ले सकते हैं और फिर आगे बढ़ सकते हैं। अपनी व्यक्तिगत समस्याओं को हल करने के लिए दोस्तों या परिवार की मदद ली जा सकती है। इमोशनल और मेंटल सपोर्ट आपको सीखने में मदद कर सकता है। अपनी पिछली गलतियों से सीखना और उन्हें सुधारकर काम करने से आपको जिम्मेदारी का अहसास होता है और आत्मसंतुष्टि भी मिलती है। स्टीव जॉब्स ने कहा था कि जब आप कुछ नया करते हैं, तो गलतियां होना आम है। लेकिन अच्छा यही है कि जितनी जल्दी इन्हें स्वीकार कर इन्हें सुधारा जाए। यह जीवन का महत्वपूर्ण ढांचा है कि गलतियां करो, इनसे सीखो और आगे बढ़ो। गलतियां सफलता की सीढ़ी होती हैं यदि इन्हें अच्छे से नियंत्रित किया जाए तो।