Thursday, January 11, 2018

लालू बोले - सर, रिहा कर देते तो चूड़ा-दही खाते, आपको भी बुलाते, जज बोले- यहीं इंतजाम कर देते हैं, बताइए कितना दही चाहिए

साभार: जागरण समाचार 
सीबीआइ विशेष कोर्ट में बुधवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और जज के बीच संवाद से तीन दिन पहले शनिवार को मिली सजा का गम काफूर होता दिखा। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव अपने ही अंदाज
में चुटीली बातें करते दिखे तो जज भी नहले पर दहला दे रहे थे। मौका चारा घोटाले के दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू की पेशी का था। सजायाफ्ता लालू बुधवार को निर्भीकता के साथ अपनी बातें बोल गए। लालू के सवालों पर जज ने मौखिक टिप्पणी की। कई बार ठहाके लगे। 
लालू ने कहा कि चूड़ा-दही हमलोग संक्रांत में खाते थे, अब क्या करेंगे सर? जज ने कहा कि हम यहीं व्यवस्था कर देंगे। कितना दही चाहिए। इसके बाद लालू ने कहा कि ई विभाग तो हम यादव लोगों का ही है सर, रिहा होकर जाते तो आपको भी बुलवाकर चूड़ा-दही खिलाते। हमलोगों को एक ही दिक्कत है महोदय कि जेल अधीक्षक सप्ताह में एक ही दिन किसी से मिलने देते हैं, वह भी तीन व्यक्ति से ही मिल सकते हैं। जेल में मिलने वाला इंतजाम कीजिए न सर। इस पर जज ने कहा कि सिविल कोर्ट में कर दें क्या। मिलने के लिए ही तो कोर्ट बुलाते हैं। जेल मैनुअल बदलने का पावर तो विधायिका का है। वही कानून बनाती है। प्रशासन के लोगों ने फोन कर कहा था कि वीडियो कांफ्रेसिंग से पेश कीजिए, लेकिन हम ही आपलोगों को यहां बुलाते हैं। फिर लालू बोले कि अच्छा तो एक और भी मामला है न सर, देख लीजिएगा, उसमें तीन वर्ष ही सजा कीजिएगा। बेल मिल जाएगा। बाकी वाला का फैसला भी जल्दी कर दीजिए सर।
बिहार के अधिकांश कैदी बनना चाहते हैं लालू के सेवादार: लालू के दो सेवादारों के फर्जी केस में जेल जाने का मामला सामने आने के बाद अब नई बातें सामने आ रही हैं। जेल में बंद बिहार के अधिकांश कैदी लालू के सेवादार बनना चाहते हैं। लालू की जेल में एंट्री के बाद से ही उनकी सेवा की चाहत लिए नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। खबर है जेल में एक ऐसा कैदी भी बंद है, जो लालू के पैतृक जिला गोपालगंज का है। वह अधिकांश समय लालू की सेल के पास ही रहता है। उसे सुखदेव नगर पुलिस ने लगभग तीन माह पहले जेल भेजा है। इधर, जेल में बंद कई कैदी ऐसे भी हैं, जो जेल से छूटने के बाद अपराध छोड़ राजद की सदस्यता ग्रहण करना चाहते हैं। इसके लिए लालू के सामने उन्होंने प्रस्ताव भी रखा है।
चारा घोटाले के चाईबासा मामले में फैसला 24 को: चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला के मामले में फैसला 24 जनवरी को सुनाया जाएगा। सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसएस प्रसाद की अदालत ने बुधवार को सुनवाई पूरी करते हुए फैसले की तिथि निर्धारित कर दी है। इसके पूर्व अदालत में सीबीआइ की ओर से वरीय विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने अंतिम बहस की। यह मामला चाईबासा कोषागार से 33 करोड़, 67 लाख 534 रुपये की अवैध निकासी से संबंधित है। निकासी 1992 से 93 के बीच हुई थी। नेता, पशुपालन अधिकारी व आइएएस अधिकारियों की मिलीभगत से 67 जाली आवंटन पत्र पर निकासी हुई थी। आवंटन 7.10 लाख रुपये का था, जबकि निकासी 33 करोड़ 67 लाख 534 रुपये की कर ली गई। बीएमपी सिंह ने बताया कि मामले में सीबीआइ की ओर से 203 लोगों की गवाही दर्ज की गई। बचाव पक्ष की ओर से 23 गवाहों को प्रस्तुत किया गया। लालू की ओर से 17 लोगों की गवाही दर्ज कराई गई। इसके अलावा दस्तावेजों को प्रस्तुत किया गया। मामले में 12 दिसंबर, 2001 को 76 आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई थी। वर्तमान समय में 56 आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में ट्रायल चल रहा है। इसमें लालू प्रसाद, डॉ. जगन्नाथ मिश्र सहित छह राजनेता, तीन आइएएस अधिकारी, छह पशुपालन पदाधिकारी, कोषागार पदाधिकारी सिलास तिर्की और 40 आपूर्तिकर्ता शामिल हैं।
जमानत के लिए आज रांची हाई कोर्ट में अपील करेंगे लालू: चारा घोटाले में सजायाफ्ता राजद प्रमुख लालू प्रसाद की जमानत के लिए गुरुवार को रांची हाई कोर्ट में अपील की जाएगी। देवघर कोषागार से 89.27 लाख रुपये अवैध निकासी के मामले में लालू 23 दिसंबर, 2017 से रांची जेल में बंद हैं। कानूनी प्रक्रिया में मदद के लिए लालू के नजदीकी विधायक भोला यादव रांची पहुंच चुके हैं। लालू के अधिवक्ता चितरंजन प्रसाद के मुताबिक अपील में जाने की तैयारी हो चुकी है। अदालत ने शनिवार को ही अपने आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि जेल में लालू के पास भिजवा दी थी। वकीलों के मुताबिक झारखंड हाई कोर्ट में जमानत पर सिर्फ शुक्रवार को सुनवाई होती है। गुरुवार को अपील करने पर शुक्रवार को सूचीबद्ध किया जा सकता है।