साभार: भास्कर समाचार
यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) की ओर से चलाई जा रही यूजीसी कोचिंग क्लास स्कीम का चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को लाभ मिला या नहीं, इसका फीडबैक लेने के लिए न्यूपा की उच्चस्तरीय
टीम सीडीएलयू आएगी। यह टीम सीडीएलयू के वीसी, रजिस्ट्रार और स्कीम कॉर्डिनेटर का इंटरव्यू लेगी। इसकी रिपोर्ट प्लानिंग कमीशन और यूजीसी को भेजी जाएगी। इस आधार पर तय होगा कि भविष्य में देशभर में यह योजना संचालित की जाए या नहीं। सीडीएलयू ने पहले तीन चरण की फीडबैक का काम अपने स्तर पर पूरा कर लिया है। सरकार ने फैसला किया कि यूजीसी कोचिंग स्कीम का सर्वे कराया जाए ताकि पता चल सके कि यह योजना विद्यार्थियों के लिए लाभकारी है या नहीं। इसका फीडबैक सर्वे करने की जिम्मेदारी न्यूपा (नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एजुकेशन प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन) को सौंपी गई। अब न्यूपा की टीम जनवरी महीने में सीडीएलयू आएगी। यह टीम सीडीएलयू से फीडबैक रिपोर्ट लेगी।
टीम के आने से पहले ही सीडीएलयू ने तीन स्तर की सर्वे रिपोर्ट स्वयं तैयार कर ली है। इसमें विद्यार्थियों, शिक्षकों से बात की जा चुकी है। यह काम यूनिवर्सिटी स्तर पर स्कीम कॉर्डिनेटर प्रो. उमेद सिंह के नेतृत्व में शोध छात्रा रेखा रानी, प्रदीप कुमार, विनोद कुमार ने किया।
यह है यूजीसी कोचिंग स्कीम: यूजीसी की ओर से प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटी में कोचिंग स्कीम चलाई जा रही है। इस योजना के तीन भाग हैं। अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और गरीब वर्ग के विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क कोचिंग की व्यवस्था की गई है। इसके तहत नेट की तैयारी कराई जाती है। विद्यार्थियों को सरकारी सेवाआें में जाने के लिए होने वाले टेस्ट की तैयारियां भी कराना होता है। इसके अलावा जो विद्यार्थी पढ़ाई में कमजोर हैं, रिमेडियल कोचिंग के तहत उनकी सालाना परीक्षाओं की तैयारी भी कराना इसी स्कीम का हिस्सा है।
पहले तीन चरण का काम हो चुका है पूरा - प्रो. उमेद: वीसी प्रोफेसर विजय कुमार कायत और रजिस्ट्रार प्रो. असीम मिगलानी के मार्ग दर्शन सहयोग सेे यूजीसी सेल न्यूपा के इस फीडबैक सर्वे को हमारी यूनिवर्सिटी में लाने में सफल हुए हैं। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। हमने पहले तीन स्तर का फीडबैक सर्वे कर रिपोर्ट तैयार कर ली है। अंतिम चरण का फीडबैक लेने अब न्यूपा की टीम सीडीएलयू आएगी और वीसी, रजिस्ट्रार और मेरा इंटरव्यू लेगी। - प्रो.उमेद सिंह, कॉर्डिनेटर, यूजीसी कोचिंग सेल, सीडीएलयू।
शुरुआती फीडबैक:
- इन परेशानियों का करना पड़ रहा सामना, सुझाव भी आए, यूजीसी सेल का अपना कोई पुस्तकालय नहीं है, और जो है वह अपडेट नहीं है।
- विद्यार्थियों को सहायक कर्मचारी समय पर नहीं मिलता। कक्षाएं पूरा वर्ष नहीं चल पाती। कोई निर्धारित टाइम टेबल नहीं है।
- कक्षाएं पूर्ण रूप से संतुलित नहीं है।
- कक्षाओं में आधुनिक सुविधाएं जैसे तकनीकी युग में होने के बावजूद सूचना प्रौद्योगिकी तकनीक के बिना कक्षाएं जहां पर तो प्रोजेक्टर की सुविधा है और ना ही कंप्यूटर लैब है। अध्यापकों को भी इससे परेशानी का सामना करना पड़ता है जिनसे उनकी शिक्षा कक्षाओं पर प्रभाव पड़ता है।
- योजना के तहत लाभार्थी विद्यार्थियों को सीमित किया गया है इसमें केवल एससी, बीसी, एसटी, बीपीएल अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थी ही कक्षाएं लगा सकते हैं।
- विद्यार्थियों की आेर से सुझाव आया कि यह स्कीम सभी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए खुली होनी चाहिए ताकि और अधिक विद्यार्थी इसका लाभ उठा सके उन तीन कक्षाओं को पहुंचाया जा सके।