Sunday, January 7, 2018

रिपोर्ट: उच्च शिक्षा में बिहार, झारखंड व दिल्ली एक ही पायदान पर

साभार: जागरण समाचार 
दिल्ली भले ही देश की राजधानी है, लेकिन उच्च शिक्षा की बुनियादी सुविधाएं जुटाने में यह बिहार और झारखंड जैसे राज्यों के साथ एक ही पायदान पर खड़ी है। स्थिति यह है कि बिहार में जहां प्रति एक लाख युवाओं के बीच
सात कॉलेज हैं, वहीं झारखंड और दिल्ली में आठ कॉलेज ही आते हैं। तेलंगाना, कर्नाटक और पुडुचेरी जैसे राज्य इस मामले में काफी अच्छी स्थिति में हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, तेलंगाना में प्रति एक लाख युवाओं के बीच 59 कॉलेज हैं, जबकि कर्नाटक में 53 और पुडुचेरी में 49 कॉलेज हैं। 
राज्यों में उच्च शिक्षा के बुनियादी ढांचे को लेकर यह जानकारी ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एडुकेशन (एआइएसएचई) की वर्ष 2017-18 की से मिली है। देश के 18 से 23 साल की उम्र के युवाओं को लक्ष्य कर यह तैयार की गई है। मानव संसाधन विकास मंत्रलय की ओर से कराए गए इस अध्ययन से उच्च शिक्षा में व्याप्त क्षेत्रीय विषमताओं का पता चलता है। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 18 से 23 साल के युवाओं की संख्या ढाई करोड़ से ज्यादा है। लेकिन, यहां कॉलेजों की संख्या प्रति लाख युवाओं पर सिर्फ 29 ही है। वहीं बिहार में युवाओं की संख्या एक करोड़ से ज्यादा है। लेकिन, वहां कॉलेजों की संख्या प्रति लाख युवाओं के बीच सिर्फ सात है। मध्य प्रदेश में भी यह स्थिति बहुत ठीक नहीं है।
उच्च शिक्षा की स्थिति का पता लगाने के लिए कराया सर्वेक्षण: उच्च शिक्षा में बिहार, झारखंड और ओडिशा जैसे कई ऐसे राज्य हैं, जहां कॉलेजों की संख्या राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। सरकार इस विषमता को मिटाने की दिशा में काम करेगी। इस को तैयार कराने के पीछे यही मकसद है। - प्रकाश जावड़ेकर, मानव संसाधन विकास मंत्री