Monday, January 1, 2018

वित्त विभाग लेकर ही माने 'रुष्ट' हुए उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल: संभाला पदभार

साभार: भास्कर समाचार
गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल को आखिरकार वित्त विभाग मिल ही गया। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने रविवार को राज्यपाल को पत्र लिखकर उन्हें वित्त विभाग का प्रभार सौंप दिया। पहले यह विभाग सौरभ पटेल
को दिया गया था। नितिन पटेल ने विधिवत पूजा-पाठ कर पदभार संभाल लिया। इसके पहले भाजपाध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार रात उन्हें फोन पर आश्वस्त किया था।  
नितिन पटेल ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मुझपर भरोसा जताया है, इसलिए मैं पदभार संभाल रहा हूं। कैबिनेट की मीटिंग हुई थी। मैंने सीएम के साथ इसमें हिस्सा लिया और अनुशासन बनाए रखा। मैंने आलाकमान से कहा था कि अगर मुझे महत्वपूर्ण मंत्रालय नहीं दिए गए तो एक मंत्री की जिम्मेदारी से मुझे मुक्त कर दिया जाए। मेरी इच्छा सत्ता या महत्वपूर्ण मंत्रालय लेने की नहीं थी। बस इतना चाह रहा था कि जिन मंत्रालयों को पहले मैं संभाल रहा था, उन्हें मुझे दोबारा दे दिए जाएं। मैंने 40 साल से भाजपा कार्यकर्ता के रूप में काम किया है। मैं हमेशा से पार्टी के साथ खड़ा रहा हूं। यह सभी जानते हैं। मेरे योगदान को देखकर ही पार्टी ने मुझे उपमुख्यमंत्री बनाया। वहींहार्दिक पटेल नेनितिन पटेल को अपने साथ आने का न्योता दिया था। हार्दिक ने कहा था, अगर बीजेपी में नितिन पटेल का सम्मान नहीं हो रहा है तो वह कांग्रेस ज्वाइन कर सकते हैं। हार्दिक ने कहा था कि वह डिप्टी सीएम नितिन पटेल से मिलने भी जाएंगे। उन्होंने कहा था कि वह नितिन पटेल के लिए कांग्रेस पार्टी से बात करेंगे, ताकि उन्हें सही जगह मिले और उनकी साख पर कोई सवाल उठे। 

रूपाणी बोले-घी फिर से घी के डिब्बे में मिल गया: गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि नितिन पटेल को लेकर पिछले दो दिनों तक पैदा हुए विवाद को देखकर विरोधियों के मुंह में पानी गया था पर अब घी के वापस घी के कनस्तर में मिल जाने से उनके मंसूबे विफल हो गए हैं। मामला अब सुलझ गया है। अब सब मिल कर पांच साल तक लोगों की अधिक से अधिक सेवा करेंगे। 
कांग्रेस पार्टी में जाने की कल्पना भी नहीं कर सकता - पटेल: 
उधर, नितिन पटेल ने अपने गृहनगर महेसाणा में कहा कि कांग्रेस ने भाजपा के इस अंदरूनी मामले को सत्ता हासिल करने के एक मौके के तौर पर देखा था। उसे शायद पता नहीं था कि नीतिन पटेल भाजपा के एक कट्ट कार्यकर्ता हैं और वह कांग्रेस में जाने की बात की कल्पना तक नहीं कर सकते।