साभार: भास्कर समाचार
आॅल इंडिया वाहनों के रजिस्ट्रेशन से गाड़ी के एक्सीडेंट से लेकर चालान का स्टेटस कंप्यूटर पर दिखाई देने लगा है। यदि किसी गाड़ी का देश में कहीं पर कोई चालान या एक्सीडेंट है तो उनके लिए जरूरी है कि उसमें उपस्थिति
दर्ज करवाना, क्योंकि जब तक उस चालान का भुगतान नहीं होगा तब तक कंप्यूटर नए डॉक्यूमेंट्स के लिए उस गाड़ी नंबर की फाइल जमा नहीं करेगा। इस सॉफ्टवेयर में गाड़ी का पिछला रिकॉर्ड भी अपडेट है। अब आरटीए कार्यालय में टैक्स, परमिट और पासिंग के लिए रही गाड़ियों के नंबर ब्लैक लिस्ट में मिलने लगे हैं। कंप्यूटर पर गाड़ी नंबर डालते ही कहीं पर चालान हुआ होता है तो शो करता है कि कौन से स्थान पर चालान या एक्सीडेंट है। चालान है तो वहीं पर जाकर भुगतान करना होगा। यदि एक्सीडेंटल केस है तो अपडेट पुलिस रिपोर्ट लगानी होगी। अब पोस्टल से भेजे जाने वाले चालान उन्हीं के पते पर जारी हो रहे हैं, जिनके नाम पर गाड़ी है।
करनाल के आरटीए एवं एडीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि ऑनलाइन टैक्स जमा हो रहा है। यदि किसी वाहन का इंडिया में कहीं पर कोई चालान या अन्य कारण से बकाया राशि है तो उसको वहीं पर जाकर खाता क्लियर करना होगा। जब तक पुराना केस क्लियर नहीं होगा, उसके आगे से नए डॉक्यूमेंट्स नहीं बनाए जाएंगे।