साभार: जागरण समाचार
गीता के 700 श्लोकों को पढ़ना केवल संस्कृत तक ही सीमित नहीं रह गया है। इन श्लोकों को देवनागरी या संस्कृत के साथ ही अब 11 भाषाओं में भी पढ़ा जा सकता है। आइआइटी में
कंप्यूटर साइंस विभाग के प्रोफेसर टीवी प्रभाकर ने www.gitasupersite.ac.in वेबसाइट पर देवनागरी, बांग्ला, गुजराती, गुरुमुखी, कन्नड़, मलयालम, उड़िया, रोमन, तमिल, असमिया व तेलुगु भाषा में यह श्लोक अपलोड किए हैं। इन श्लोकों को देखने के अलावा लोग उन्हें सुन भी सकते हैं।
इन श्लोकों को पद्मावती महिला यूनिवर्सिटी तिरुपति की प्रोफेसर वारमलक्ष्मी, आइआइटी गुवाहाटी के प्रोफेसर देवानंद पाठक व स्वामी ब्रह्मानंद ने अपनी आवाज दी है। इस वेबसाइट की खास बात यह है कि श्लोक खत्म होने के बाद उसका भावार्थ अंग्रेजी में सुना जा सकता है। इस वेबसाइट पर जल्द ही हिंदी में श्लोकों का भावार्थ सुना जा सकेगा। गीता के श्लोकों के अलावा रामचरितमानस, उपनिषद, ब्रह्म सूत्र, वाल्मीकि रामायण व योग सूत्र के श्लोकों को भी वेबसाइट पर पढ़ा जा सकता है।
28 विशेषज्ञों ने किया है अनुवाद: पांच साल की शोध के बाद प्रो. प्रभाकर की यह वेबसाइट ड्रूपल कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम पर आधारित है। इस पर रोजाना दो से चार हजार लोग विजिट करते हैं। देशभर के आइआइटी, चिन्मयानंद मिशन व अन्य विश्वविद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों के 28 विषय विशेषज्ञों ने गीता के श्लोकों का अनुवाद किया है।
नेपाली भाषा में रामायण: इस वेबसाइट में रामायण की चौपाइयां, दोहे व छंद नेपाली भाषा में पढ़े जा सकते हैं। उन्हें नेपाली भाषा में अनुवादित करने के लिए करीब एक वर्ष का समय लगा। रामायण के साथ नेपाली भाषा के जानकारों की तलाश करने को आइआइटी प्रोफेसर ने कई विशेषज्ञों से संपर्क किया। इस भाषा में अनुवाद होने के बाद इस वेबसाइट पर विजिट करने वाले नेपाली नागरिकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
आसानी से करें वेदांत व नारद भक्ति सूत्र का अध्ययन: इस वेबसाइट में वेदांत व नारद भक्ति सूत्र को चरणबद्ध तरीके से बड़ी आसानी के साथ समझाया गया है। स्वामी चिदानंद ने वेदांत व स्वामी रामाराज्यम कृष्णमूर्ति ने नारद भक्ति सूत्र की जिन बारीकियों को सरलता से बताया है, उसे इसमें शामिल किया गया है।
- इस वेबसाइट में नए फीचर बढ़ाने पर काम चल रहा है। इसमें कंटेंट बढ़ाना, श्लोक के अर्थ का हंिदूी ऑडियो तैयार करना व वेबसाइट का इस्तेमाल करने वालों को एडिट की छूट देना शामिल है। - प्रो. टीवी प्रभाकर, आइआइटी प्रोफेसर व वेबसाइट के जनक