साभार: जागरण समाचार
एक साथ देश के 13 लाख अप्रशिक्षित शिक्षकों के प्रशिक्षण में अब आइआइटी भी हाथ बटाएंगे। फिलहाल मुंबई और कानपुर आइआइटी ने इसे लेकर अपनी सहमति दे दी है। अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का
जिम्मा संभाल रही एनआइओएस (राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान) ने इस मुहिम में आइआइटी को शामिल करने का यह फैसला तब लिया, जब एक साथ इतनी बड़ी संख्या में अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित करना उसके लिए एक बड़ी चुनौती बन गई। यह इसलिए भी था क्योंकि मौजूदा व्यवस्था के तहत शिक्षकों के साथ सिर्फ एकतरफा संवाद ही हो पा रहा था।
एनआइओएस के सामने इसके अलावा बड़ी चुनौती दो साल की समय सीमा के भीतर सभी 13 लाख अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की भी है। इनमें भी ज्यादातर ऐसे शिक्षक हैं जो दूर-दराज क्षेत्रों में बसे हुए हैं। एनआइओएस ने इन्हीं सारी मुश्किलों को देखते हुए आइआइटी की मदद ली है। इसके तहत जहां उन्हें अब आइआइटी से पूरी तकनीकी मदद मिलेगी, वहीं वे आइआइटी बांबे के इंफ्रास्ट्रक्चर का भी इस्तेमाल कर सकेंगे।
मौजूदा समय में आइआइटी मुंबई देश के करीब 345 इंजीनियरिंग कालेजों से सीधा जुड़ा हुआ है। इसके जरिये वे प्रशिक्षिण ले रहे शिक्षकों की लाइव क्लास संचालित करेंगे। प्रशिक्षण ले रहे शिक्षक इस दौरान अपने सवालों के सीधे जवाब ले सकेंगे। एनआइओएस की मौजूदा व्यवस्था में सिर्फ रिकॉर्डेड विषय वस्तु ही उन तक पहुंचा पा रही थी और उसी से उन्हें संतोष करना पड़ रहा था। पर अब वे लाइव क्लास भी कर सकेंगे। जहां वे अपने सवालों का जवाब भी पा सकेंगे। इसके लिए एनआइओएस ने एक स्टूडियो तैयार किया है, जहां प्रशिक्षण से जुड़े विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे। बता दें कि आरटीई कानून के तहत स्कूलों में पढ़ा रहे अप्रशिक्षित शिक्षकों को 2019 तक प्रशिक्षित करना है।
चार टीवी चैनलों पर मिलेगा प्रशिक्षण: मानव संसाधन विकास मंत्रलय की अनुमति के बाद एनआइओएस ने अब चार स्थानीय टीवी चैनलों के जरिये अप्रशिक्षित शिक्षकों के प्रशिक्षण की तैयारी शुरू कर दी है। अभी तक सिर्फ एक टीवी चैनल के जरिये (डीडी स्वयंप्रभा) ही शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।