Monday, January 8, 2018

झुग्गी झोंपड़ी वालों को भी छत देगी हरियाणा सरकार

साभार: जागरण समाचार 
हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में सरकारी जमीन पर लंबे समय से झुग्गी-झोपड़ी डालकर रह रहे लोगों को आवासीय कालोनी बनाकर मकान देने की नीति तैयार की जा रही है। नगर निगम, नगर परिषद एवं नगर पालिकाओं में
ऐसे हजारों लोगों को सरकार निजी-सार्वजनिक (पीपीपी) भागीदारी की तर्ज पर कालोनी विकसित कर छत मुहैया कराएगी। शुरू में लीज पर तो 15 साल बाद लाभार्थी को मकान का मालिकाना हक दिया जाएगा। 
कालोनी निर्माण शुरू होने से लेकर उसके पूरा होने तक ठेकेदार अथवा बिल्डर ऐसे लाभार्थियों को मासिक किराया देंगे, ताकि वे अस्थायी तौर पर अपना रिहायशी बंदोबस्त कर सकें। इससे गरीब व जरूरतमंद लोगों को जहां आवास मिलेगा, वहीं जमीनों की कमी से जूझ रही सरकार को कब्जे वाली जमीनें खाली कराने में मदद मिलेगी।  
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन के अनुसार शहरों में सरकारी जमीन पर अवैध बस्तियों में रहने वाले लोगों को उसी स्थान पर आवासीय कालोनी विकसित करने की नीति तैयार की गई है। प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने मंजूरी प्रदान कर दी है। इन कालोनियों में आवास की क्षमता और उनके निर्माण के संबंध में दिशा-निर्देश बाद में तय किए जाएंगे।
मकान बनने तक एक से तीन हजार रुपये मासिक किराया: निकाय मंत्री के मुताबिक ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत ठेकेदार बिल्डर का चयन किया जाएगा, जो प्रोजेक्ट शुरू करने से लेकर उसके पूरा होने तक योजना के लाभार्थियों को मासिक किराये का भुगतान करेंगे। गुरुग्राम व फरीदाबाद नगर निगम में प्रति परिवार तीन हजार रुपये, जबकि अन्य नगर निगम में प्रति परिवार दो हजार रुपये, नगर परिषद में 1500 रुपए और नगर पालिका में एक हजार रुपये मासिक किराये का भुगतान किया जाएगा।
समितियां करेंगी निगरानी: मंत्री कविता जैन के अनुसार लाभार्थी को आवास मुहैया कराने की प्रक्रिया की निगरानी नगर निगम में आयुक्त और नगर परिषद व पालिकाओं में उपायुक्त की अध्यक्षता में समितियां करेंगी। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद संबंधित पालिका आवासीय कालोनी में आवासीय कल्याण संघ (आरडब्ल्यूए) की स्थापना करवाएगी, जो आवासीय परिसर से संबंधित रखरखाव की जिम्मेदारी निभाएगी। अलाटमेंट प्रक्रिया के तहत प्रत्येक लाभार्थी को अलॉट आवास की लीज के लिए गुरुग्राम-फरीदाबाद निगम में 20 हजार रुपये, अन्य नगर निगमों में 15 हजार रुपये, परिषद में 12 हजार और पालिका में 10 हजार रुपये का भुगतान करना होगा।
आठ हजार फ्लैट तैयार 31 तक कराएं पंजीकरण: हरियाणा में गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले शहरी गरीबों के लिए करीब आठ हजार फ्लैट बनकर तैयार हैं। आवास बोर्ड ने बीपीएल परिवारों को आखिरी मौका देते हुए फ्लैट के लिए पंजीकरण की अवधि बढ़ाकर 31 जनवरी कर दी है। हरियाणा आवास बोर्ड के चेयरमैन जवाहर यादव के अनुसार शर्तो के अनुसार आवेदक हरियाणा राज्य का बीपीएल कार्ड धारक होना जरूरी है। तीन मंजिला निर्मित घर 60 वर्गगज के भू-खंडों पर निर्मित हैं। इनका हस्तांतरण पांच साल के बाद पूरा भुगतान करने पर ही किया जा सकता है। जवाहर यादव ने बताया कि कुल 7717 फ्लैटों में से सिरसा में 159, रोहतक में 654, झज्जर में 61, हिसार में 643, कैथल में 250, रतिया में 112, फतेहाबाद में 382, बहादळ्रगढ़ में 302 फ्लैट बनकर तैयार हैं।