Thursday, January 4, 2018

अब साइंस और गणित में कमजोर विद्यार्थी भी ला सकेंगे बेहतर अंक: साइंस और मैथ किट के लिए बजट जारी

साभार: जागरण समाचार 
कठिन विषय गणित और नए-नए आविष्कारों के बारे में ज्ञानवर्धक खुलासे करने वाले साइंस विषय पर सरकार ने कुछ विशेष प्रोजेक्ट तैयार किए हैं, जिनसे सरकारी स्कूल में पढ़ रहे कमजोर विद्यार्थी भी बड़ी सरलता और
सहजता के साथ गणित और साइंस विषय में बेहतर अंक प्राप्त कर सकेंगे। योजना के अंतर्गत, जिले के 274 हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को 57 लाख 54 हजार रुपये का बजट जारी किया है, साथ ही गणित और साइंस विषय पर अलग-अलग किट भेजने के निर्देश दिए हैं, जोकि सभी पाठ्यक्रमों के अध्यायों से संबंधित होंगे।  
इससे फायदा यह होगा कि जब शिक्षक कोई भी नया पाठ्यक्रम पढ़ाने के लिए शुरु करेगा, तो किट में शामिल उपकरणों की मदद से वह संबंधित पाठ्यक्रम के बारे में प्रेक्टिकल तौर पर ही समझा देगा, जिससे अपनी आंखों के सामने प्रेक्टिकल तौर पर सभी प्रक्रिया देख कमजोर से कमजोर विद्यार्थी भी बड़ी आसानी के साथ समझ जाएगा। 
वहीं, दूसरी ओर इससे दूसरा बड़ा फायदा यह होगा कि शिक्षक जब चाहे अध्याय से जुड़े किसी भी पहलू पर विद्यार्थी से सवाल कर प्रेक्टिकल के तौर पर उन्हें परख सकता है। 
  • साइंस और गणित विषय को सरल और सहज बनाने के लिए सरकार ने अलग-अलग किट का प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं, जिससे बड़ी आसानी से सरकारी स्कूल के विद्यार्थी अपने पाठ्यक्रमों को प्रेक्टिकल तौर पर समझ सकेंगे। किट और उनकी मरम्मत के लिए अलग-अलग बजट जारी किया है। - देवेंद्र, जिला प्रोजेक्ट को-आर्डिनेटर, शिक्षा विभाग

चयनित स्कूल को मिलेंगे 21 हजार रुपये: सरकार ने साइंस और गणित विषय को सरल बनाने के लिए जिले के प्रत्येक स्कूल को 21 हजार रुपये का बजट जारी किया, जोकि प्रत्येक हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूल को मिलेंगे। इन स्कूलों में पढ़ने वाले नौंवी, दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा में पढ़ रहे विद्यार्थी किट के जरिए प्रेक्टिल तौर पर अपने पाठ्यक्रमों को बड़ी सरलता से समझ सकेंगे। इन राशि से स्कूल मुखिया इन विद्यार्थियों से वे किट भी खरीद सकता है, जोकि पाठ्यक्रम से हटकर विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक साबित हो। 
टूट-फूट की मरम्मत के लिए अलग से बजट किया जारी: यदि किट में पड़ा सामान टूटता है या फिर नुकसान होता है तो इसके निवारण के लिए भी सरकार ने अलग से बजट जारी किया है। योजना के अंतर्गत, जिले के 274 हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को 3 लाख 56 हजार 200 रुपये का बजट अलग से जारी करने के आदेश दिए है। साथ ही कोई भी शिक्षक लकड़ी की मेज या फिर अन्य किसी उपकरण को खरीदना चाहे तो वह इस बजट से वे तमाम चीजें खरीद सकेगा।