Wednesday, January 3, 2018

हरियाणा के फायर स्टेशनों के लिए अलग निदेशालय गठित, 2779 पद किए तय

साभार: भास्कर समाचार
छोटे-छोटे खर्च के लिए भी पालिकाओं और मार्केट कमेटियों पर निर्भर रहने वाले दमकल केंद्रों को राहत मिलेगी। क्योंकि सरकार ने जिला स्तर पर दमकल अधिकारियों को आदान-प्रदान एवं संवितरण अधिकारी
(डीडीओ) की शक्ति प्रदान कर उन्हें नए साल में बड़ा तोहफा दिया है। यानी दमकल केंद्रों के अधिकारियों को अब पावर दे दी गई है। इससे दमकल केंद्र पर कर्मचारियों को समय पर वेतन मिल सकेगा। साथ ही अन्य सुविधाओं के लिए भी पालिका और कमेटियों की ओर नहीं देखना पड़ेगा। नवगठित अग्निशमन निदेशालय में इस बदलाव से कर्मचारियों की परेशानियां कम होंगी। यह पावर जिला मुख्यालय पर दमकल केंद्र के अधिकारियों के पास होगी। 
प्रदेश में पालिकाओं के माध्यम से 59 दमकल केंद्रों पर 555 दमकल अधिकारी कर्मचारी तथा मार्केट कमेटियों में 19 दमकल केंद्रों पर 89 अधिकारी कर्मचारी कार्यरत हैं। सरकार की ओर से अग्निशमन निदेशालय को सशक्त बनाने के लिए अग्निशमन प्रशिक्षण केंद्र एवं विभिन्न 69 दमकल केंद्रों के लिए 2779 पद सृजित किए जा चुके हैं। पालिकाओं और मार्केट कमेटियों में कार्यरत अग्निशमन अधिकारियों कर्मचारियों को समायोजित करने उपरांत बाकी पद सीधी भर्ती के माध्यम से भरें जाएंगे। इसके लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग तथा हरियाणा लोकसेवा आयोग को मांगपत्र भेजे जा चुके हैं। 

83 करोड़ का बजट तय: अग्निशमन सेवाओं को सशक्त बनाने के लिए वर्ष 2017-18 में 16.87 करोड़ रुपए तथा वित्त वर्ष 2018-19 में 65.95 करोड़ रुपए देने की मांग सरकार से की गई है। इससे अग्निशमन सेवाओं को एक छत के नीचे लाते हुए सभी आवश्यक संसाधनों को दुरूस्त किया जाएगा, ताकि किसी भी हादसे अथवा आपदा की स्थिति में उनका बेहतर उपयोग हो सके। 
एक छत के नीचे आएंगी अग्निशमन सवाएं - जैन: शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने बताया कि सरकार प्रदेश में अग्निशमन निदेशालय का गठन करने के बाद से ही अग्निशमन सेवाओं को एक छत के नीचे लाने के लिए लगातार काम कर रही है। अब तक पालिकाओं और मार्केट कमेटियों द्वारा दमकल अमले एवं गाडिय़ों के रखरखाव का पूरा खर्चा वहन किया जाता था। अग्निशमन सेवाओं के एकीकरण के चलते अब अधिकारियों कर्मचारियों के वेतन तथा दमकल गाडिय़ों के रखरखाव एवं ईंधन का खर्चा सरकार द्वारा वहन किया जाना है। इस संबंध में विभाग द्वारा जिला स्तर पर दमकल केंद्र अधिकारी को डीडीओ प्रदान करने का प्रस्ताव तैयार किया गया था, जिसे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। 
इरिगेशन इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करेगी सरकार, एसएमएस से खेत में पहुंचेगा पानी: हरियाणा सरकार सिंचाई के लिए नए तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करेगी। इससे किसानों को ट्यूबवैल नहीं लगाने पड़ेंगे। पानी की जब भी जरूरत हो उसकी जानकारी केवल एसएमएस से देनी होगी। इसके लिए किसानों को समूह बनाकर सरकार को बताना होगा कि उनके कितने क्षेत्र में खेत हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक बार कुछ राशि किसान को देनी होगी। बाकी सरकार सब्सिडी देगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को समीक्षा बैठक में इस प्रोजेक्ट पर जोर दिया गया। झज्जर जिले के साल्हावास और करनाल जिले के इंद्री ब्लॉक में सिंचाई की इस व्यवस्था काे क्रियान्वित करने का निर्णय लिया गया। इस दौरान सीएम ने कहा कि जिन फीडरों पर बिजली आपूर्ति 24 घंटे है उनके कृषि फीडरों पर भी आपूर्ति बढ़ाई जाए। सीएम ने कहा कि प्रदेश में लगभग 15 हजार से अधिक तालाब हैं, जिनके पानी का उपयोग सिंचाई के लिए होना चाहिए। आरंभ में 200 एकड़ तक का क्लस्टर तैयार कर इसे आरंभ किया जाए। नहरी क्षेत्र विकास प्राधिकरण की 61 आउटलेट पर तालाबों के पानी को सिंचाई के उपयोग करने की योजना है। 
बावल में 150 और बहादुरगढ़ में 100 बिस्तर के ईएसआई अस्पताल को मिली मंजूरी: 
बहादुरगढ़ में 100 बिस्तरों एवं बावल में 150 बिस्तरों के ईएसआई अस्पतालों के निर्माण के लिए केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने सैद्घांतिक स्वीकृति दे दी है। इनके अलावा पानीपतके 75 और जगाधरी के 80 बिस्तर के ईएसआई अस्पताल को 100-100 बिस्तर का करने की मंजूरी भी मंत्रालय ने दे दी है। औद्योगिकक्षेत्रों से जुड़े इन जिलों में लाखों कर्मचारी काम कर रहे हैं। अस्पतालों के विस्तार से इन्हें फायदा होगा। प्रदेश के श्रम एवं रोजगार मंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री से दिल्ली में मुलाकात की। इस दौरान ही उन्होंने इन अस्पतालों को लेकर मंजूरी प्रदान कर दी। उन्होंने बताया कि बहादुरगढ़ और बावल के ईएसआई अस्पताल के लिए उन्होंने पांच एकड़ जगह चिह्नित करने को भी कहा है। इसके लिए ईएसआई हैल्थ केयर, हरियाणा को सैद्धांतिक सहमति पत्र जारी करने के निर्देश दे दिए गए हैं।