Wednesday, January 3, 2018

मुंबई समेत महाराष्ट्र के पांच शहरों में फैली जातीय हिंसा, आज 250 दलित संगठनों का महाराष्ट्र बंद

साभार: भास्कर समाचार
नए साल पर महाराष्ट्र जातीय हिंसा में झुलस गया है। एक दिन पहले पुणे के पास दलित और मराठाओं के बीच शुरू हुई हिंसा मुंबई, औरंगाबाद और अहमदनगर तक फैल गई। जगह-जगह चक्का जाम रहा। 150 बसों में
तोड़फोड़ की। ये हिंसा सोमवार को शुरू हुई, जब दलितों का एक समूह भीमा-कोरेगांव लड़ाई की 200वीं सालगिरह के कार्यक्रम में जा रहा था। 
वढू बुद्रुक में छत्रपति शंभाजी महाराज के दर्शन करने जा रहा दूसरा गुट रास्ते में गया। कहासुनी से बढ़कर बात हिंसा में बदल गई। इसमें एक युवक की मौत हो गई। 50 गाड़ियों में आग लगा दी। 1818 में भीमा-कोरेगांव में अंग्रेजों-पेशवा के बीच युद्ध हुआ था। अंग्रेजों ने दलितों की मदद से पेशवा को हरा दिया। तब से हर साल दलित इस जीत का जश्न मनाते हैं। पर कभी हिंसा नहीं हुई। इस बार 3.5 लाख लोग जुटे थे। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने युवक की मौत की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। 

महाराष्ट्र के दलित बाहुल्य इलाकों में पुलिस बल तैनात, मुंबई में स्कूल कॉलेज बंद रहेंगे: पुणे के पास दलित बहुल इलाकों में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है। {मुंबई की हार्बर लाइन रेल सेवा प्रभावित रही। चेंबूर में हिंसा के बाद धारा 144 लगी। {मुंबई समेत हिंसाग्रस्त इलाकों में स्कूल-कॉलेजों में छुट्‌टी कर दी गई है। दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में एफआईआर दर्ज। 
  • यह सरकार को बदनाम करने की साजिश है। पुलिस की सतर्कता से बड़ा हादसा टला। - देवेंद्र फडणवीस, मुख्यमंत्री 
  • संघकी सोच दलितों को निम्न स्तर पर रखने वाली है। ऊना, वेमुला और अब यह हिंसा सबूत हैं। - राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष