साभार: भास्कर समाचार
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के पुराने कर्ज सस्ते हो गए हैं। बैंक ने 1 जनवरी से बेस रेट 8.95% से घटाकर 8.65% कर दिया है। यह दूसरे सभी बैंकों से कम है। इससे 20 लाख रुपए के होम लोन की ईएमआई करीब 384
रुपए कम हो जाएगी। अप्रैल 2016 में एमसीएलआर की व्यवस्था शुरू होने से पहले कर्ज पर ब्याज बेस रेट से ही तय होता था। बैंक की फंड लागत से जुड़े एमसीएलआर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। एक साल का एमसीएलआर 7.95% है। यानी अप्रैल 2016 या इसके बाद कर्ज लेने वालों की ईएमआई नहीं घटेगी। एसबीआई के रिटेल बैंकिंग के एमडी पी.के. गुप्ता ने बताया कि ब्याज दरों में कटौती से 80 लाख ग्राहकों को फायदा होगा। इन्होंने अपना लोन बेस रेट से एमसीएलआर में शिफ्ट नहीं कराया था। बेस रेट में हर तिमाही और एमसीएलआर में हर महीने संशोधन होता है। बैंक ने नए होम लोन पर प्रोसेसिंग फीस में छूट की अवधि भी मार्च तक बढ़ा दी है। इससे पहले एसबीआई ने 28 सितंबर को बेस रेट 0.05% कम किया था। बैंकों द्वारा ब्याज दरों में मामूली कटौती पर आरबीआई ऐतराज जता चुका है। दिसंबर 2014 से अक्टूबर 2016 के दौरान आरबीआई ने रेपो रेट में 1.75% कटौती की, जबकि बैंकों ने बेस रेट औसतन 0.60% ही घटाए।
ऑनलाइन बिकने वाले प्रोडक्ट पर भी लिखना पड़ेगा एक्सपायरी डेट: फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी ईकॉमर्स कंपनियों के लिए प्रोडक्ट के पैकेट पर एमआरपी के साथ मैन्युफैक्चरिंग की तारीख, एक्सपायरी डेट, मात्रा, किस देश में बना है, यह बताना जरूरी हो गया है। इसके लिए लीगल मेट्रोलॉजी रूल्स में किए संशोधन सोमवार से लागू हो गए हैं। अब तक स्टोर पर बिकने वाली वस्तुओं के लिए ही ये जानकारियां देना अनिवार्य था। ऑनलाइन बेची जाने वाली वस्तुओं पर सिर्फ एमआरपी लिखा होता था।