साभार: भास्कर समाचार
लंबे समय से आंदोलनरत एनएचएम के तहत अनुबंध पर काम कर रहे कर्मचारियों को राज्य सरकार ने सेवा नियम बनाकर नए वर्ष का बड़ा तोहफा दिया है। अब सेवा नियमों के अनुसार कर्मचारियों को तीन श्रेणियों में
विभाजित किया गया है। इनके टीए-डीए और यात्रा भत्ता में भी संशोधन किया गया है। इनका दैनिक भत्ता 200 रुपए से 1000 रुपए तक बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा इन्हें अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। इससे वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न सिविल हॉस्पिटल में काम कर रहे करीब 12 हजार कर्मचारियों को फायदा होगा। यह नियम एक जनवरी से लागू माने जाएंगे। हालांकि इन सेवा नियमों का लाभ कम से कम 5 वर्ष का संतोषजनक कार्यकाल पूरा करने वाले कर्मचारियों को ही मिलेगा। सरकार ने अब एनएचएम के तहत 13 हजार 183 पदों को 454 कैटिगिरी में विभाजित किया है। यानी कुछ नई भर्ती भी की जाएंगी। अब तक यह कर्मचारी फिक्स सेलरी पर ही काम कर रहे थे।
तीन श्रेणियों में बांटे गए कर्मचारी, सबको अलग-अलग लाभ:
- पहली श्रेणी: इस श्रेणी में विशेषज्ञों के अतिरिक्त वह कर्मचारी शामिल होंगे, जिन्हें 20 हजार रुपए से अधिक वेतन मिलता है और उसने 5 वर्ष तक का संतोषजनक सेवाकाल पूरा कर लिया है।
यह होगा फायदा: कर्मचारियों को वर्तमान या प्रविष्टि स्तर का अधिकतम मानदेय मिलेगा। उन्हें प्रति माह 500 रुपये चिकित्सा भत्ता या ईएसआई योजना का लाभ दिया जाएगा। मूल वेतन में 5 प्रतिशत वार्षिक वृद्घि की जाएगी। यातायात के लिए द्वितीय श्रेणी रेल सुविधा, एससी बस या टैक्सी तथा दैनिक भत्ता नियमानुसार 300 से बढ़ाकर 1000 रुपए किया गया है।
- दूसरी श्रेणी: इस श्रेणी में वह कर्मचारी शामिल होंगे, जिनका वेतन 10 हजार से 20 हजार रुपए होगा और उनका सेवाकाल 5 से 10 वर्ष तक पूरा हो चुका है।
यह होगा फायदा: निर्धारितमूल वेतन तथा महंगाई भत्ता दिया जाएगा। कर्मचारियों को द्वितीय श्रेणी रेल, डीलक्स बस या टैक्सी सुविधा। दैनिक भत्ता 300 से बढ़ाकर 500 रुपए किया गया। यह भत्ता बाहरी राज्यों में मरीजों के साथ जाने पर दिया जाएगा।
- तीसरी श्रेणी: 10 वर्षों से अधिक की संतोषजनक सेवा पूरी करने के साथ जिन कर्मचारियों को 10 हजार रुपए से कम वेतन मिलता है, उन्हें तीसरी श्रेणी में रखा गया है। इन्हें हाउसरेंट की भी सुविधा प्रदान की जाएगी।
यह होगा फायदा: मूलवेतन, महंगाई भत्ता तथा समय-समय पर संशोधित हाऊस रैंट दिया गाएगा। इन कर्मचारियों को वर्तमान या प्रविष्टि स्तर का अधिकतम वेतन मिलेगा। 500 रुपये चिकित्सा भत्ता प्रति माह या ईएसआई योजना का लाभ के साथ मूल वेतन में 3 प्रतिशत वार्षिक वृद्घि दी जाएगी। कर्मचारियों को थर्ड एसी रेल, साधारण बस सुविधा दी जाएगी। दैनिक भत्ता 200 से बढ़ाकर 500 रुपए किया गया है।
नए कर्मचारियों को 5 वर्ष तक बेसिक सेलरी: जो कर्मचारी नए लगाए जाएंगे, उन्हें 5 वर्ष तक बेसिक-पे मिलेगी। इसके अलावा 500 रुपए मेडिकल भत्ता या ईएसआई की सुविधा और कैटेगिरी के अनुसार हर साल 3 से 5 फीसदी का इंक्रीमेंट मिलेगा। पांच वर्ष का कार्यकाल संतोषजनक पूरा होने के बाद ही उसे सेवा नियम यानी टीए-डीए और अन्य सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
30 कैटेगिरी में वेतन कम - रजा: कर्मचारियों ने 454 में से करीब 30 कैटिगिरी के वेतन-भत्तों पर आपत्ति जताई है। हरियाणा एनएचएम कर्मचारी एसोसिएशन सेवा नियमों में बीस संशोधन लेकर एनएचएम की एमडी से मिलेंगे। एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रिहान रजा का कहना है कि सरकार ने सेवा नियम बनाकर अच्छा काम किया है। 90 फीसदी कर्मचारी संतुष्ट हैं। बाकी की समस्या सरकार के समक्ष रखी जाएगी। अभी एनयूएचएम और यूजर-सी कर्मचारियों को सेवा नियमों से बाहर रखा गया है। इन कर्मचारियों की संख्या करीब 350 है।
सरकार ने पूरा किया वादा - विज: स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है कि इन कर्मचारियों के यात्रा भत्ता एवं दैनिक भत्ता (टीए डीए) नियमों में भी संशोधन किया गया है। इसी प्रकार दूसरे प्रदेशों में यात्रा के दौरान दी जाने वाली सुविधाओं में सकारात्मक बदलाव किया गया है। एनएचएम के कर्मचारियों के साथ किए गए वायदे के आधार पर इन नियमों की घोषणा तय समय सीमा में 1 जनवरी से लागू कर दी गई है। इससे कर्मचारियों को बहुत लाभ होगा।
सरकार ने पूरा किया वादा - विज: स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है कि इन कर्मचारियों के यात्रा भत्ता एवं दैनिक भत्ता (टीए डीए) नियमों में भी संशोधन किया गया है। इसी प्रकार दूसरे प्रदेशों में यात्रा के दौरान दी जाने वाली सुविधाओं में सकारात्मक बदलाव किया गया है। एनएचएम के कर्मचारियों के साथ किए गए वायदे के आधार पर इन नियमों की घोषणा तय समय सीमा में 1 जनवरी से लागू कर दी गई है। इससे कर्मचारियों को बहुत लाभ होगा।
पंचकूला के सिविल अस्पताल में एमबीबीएस के लिए होगा डीएनबी कोर्स: डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड (डीएनबी) कोर्स अब चंडीगढ़ या हरियाणा के प्राइवेट अस्पतालों में ही नहीं, बल्कि पंचकूला के सिविल अस्पताल में भी शुरू होने वाला है। इसके लिए हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से अप्रूवल के लिए फाइल भेज दी गई है। अब पंचकूला हरियाणा का पहला ऐसा जिला होगा, जहां पर मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए डीएनबी काेर्स की सुविधा होगी। फिलहाल रेडियोलोजी डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स यह कोर्स कर पाएंगे। इसके बाद ही दूसरे डिपार्टमेंट्स के लिए भी डीएनबी कोर्स शुरू करने के लिए प्लानिंग की जा सकेगी। हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की डायरेक्टर सीनियर मोस्ट रेडियोलोजिस्ट डॉ. वीना सिंह का कहना है कि जल्द ही यह कोर्स शुरू होगा। इससे मेडिकल छात्रों को लाभ होगा।
यह है डीएनबी कोर्स: डीएनबी तीन साल का पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स है। यह एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसन) के लेवल का होता है। इस कोर्स को शुरू करने की अनुमति नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन देती है। पहले डीएनबी के बाद दो साल के लिए सीनियर रेजीडेंट बनना पड़ता था। इसके बाद ही असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए डॉक्टर एलीजीबल हो पाते थे। अब यह कोर्स पंचकूला के सरकारी अस्पताल में भी करवाया जाएगा।