Sunday, January 7, 2018

हाई रिस्क प्रेग्नेंट का बनेगा लाल कार्ड, लाइन में नहीं लगना पड़ेगा: HRP पोर्टल वाला पहला राज्य बना हरियाणा

साभार: भास्कर व जागरण समाचार
हरियाणा हाई रिस्क प्रेग्नेंसी (एचआरपी) पोर्टल और एप शुरू किया है। हरियाणा ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इससे एचआरपी मामलों की पहचान, उनके प्रबंधन और डिलीवरी के लिए सिविल अस्पतालों
में रेफर करने में मदद मिलेगी। यह सब हाई रिस्क प्रेग्नेंसी पॉलिसी के तहत किया जा रहा है। जिन महिलाओं को डिलीवरी के समय ज्यादा खतरे की आशंका होगी, उनकी पहचान करने के साथ ही उनके लिए आगामी प्रबंध किए जाएंगे। उन्हें शुरू में ही लाल रंग का कार्ड उपलब्ध कराया जाता है। जब भी वह डॉक्टर के पास जाएगी तो उसे लाइन में नहीं लगना पड़ेगा। डॉक्टर उसे प्राथमिकता के आधार पर देखेंगे। डिलीवरी भी पीएचसी के बजाय फर्स्ट रेफरल यूनिट पर कराई जाएगी, जहां स्त्री रोग, बाल रोग विशेषज्ञ और सर्जन के साथ-साथ ब्लड आदि की सुविधाएं रहेंगी। ऐसी महिलाओं को लेबर रूम में एक सहायक रखने की भी छूट रहेगी। इससे जच्चा-बच्चा मृत्यु दर घटने का अनुमान है। प्रदेश में अभी मातृ मृत्यु दर प्रति हजार नवजातों पर 126 है।
पोर्टल के जरिये न सिर्फ हाई रिस्क वाले प्रेगनेंट मामलों की तुरंत पहचान होगी, बल्कि विशेषज्ञों द्वारा गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी के लिए सिविल अस्पतालों में समय रहते रेफर किया जा सकेगा।
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि नीति आयोग और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रलय ने इस पोर्टल की सराहना की है। हाई रिस्क प्रेगनेंसी वाले नामों की सौ फीसद पहचान करने के लिए हाई रिस्क प्रेगनेंसी पॉलिसी लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस पहल से मातृ-मृत्यु दर (एमएमआर), शिशु मृत्यु दर (आइएमआर) में निश्चित रूप से तेजी से गिरावट आएगी। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अमित झा ने कहा कि इस अनूठी वेब एप्लीकेशन को डिलीवरी के 42 दिनों तक प्रत्येक हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं का पता लगाने के लिए बनाया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक अमनीत पी कुमार ने कहा कि प्रदेश में अब प्रसूति के दौरान लेबर रूम में एक महिला अटेंडेंट को जाने की अनुमति दी जाएगी।