Friday, January 5, 2018

चीफ जस्टिस बोले- बच्चे बेचे जा रहे हैं, किसी देश के लिए इससे बड़ी शर्म और कुछ नहीं हो सकती

साभार: भास्कर समाचार
किसी भी देश के लिए बच्चों की खरीद-फरोख्त से बड़ी शर्मनाक बात कोई और नहीं हो सकती। ऐसी घटनाएं देश के भविष्य के लिए गंभीर चेतावनी हैं। पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के एक अनाथालय से 17 बच्चों को तस्करी
के बाद विदेश में बेचने से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने यह टिप्पणी की। कोर्ट ने इस याचिका का दायरा बढ़ाते हुए केंद्र सरकार, सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया है। इन्हें दो हफ्ते के अंदर हलफनामे के जरिये अपने यहां के अनाथालयों के प्रबंधन पर रिपोर्ट सौंपनी होगी। अगली सुनवाई 22 जनवरी को होगी। 
दरअसल, 17 बच्चों की तस्करी पर संज्ञान लेकर राज्य मानवाधिकार आयोग और एनसीपीसीआर ने जांच शुरू की थी। एनसीपीसीआर की जांच को राज्य सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती दे दी। फैसला राज्य सरकार के हक में गया तो एनसीपीसीआर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। 

गुरुवार को एनसीपीसीआर (बाल आयोग) की तरफ से एएसजी तुषार मेहता ने कहा, '2-3 साल के 17 बच्चे विदेश में ले जाकर बेचे गए। ऐसे मामलों की जांच सिर्फ एनसीपीसीआर ही कर सकता है।' चीफ जस्टिस ने कहा कि बच्चों की तस्करी राष्ट्रीय मुद्दा है। इसकी कोई सीमा नहीं है। अगर कोई अनाथालय प्रभारी बच्चा बेच रहा है तो इससे अधिक खतरनाक और विनाशकारी कुछ नहीं हो सकता।