साभार: भास्कर समाचार
तीन तलाक बिल गुरुवार को भी राज्यसभा में पास नहीं हो सका। कांग्रेस समेत 18 राजनीतिक दल इसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग पर अड़े रहे, जबकि सरकार इसके लिए तैयार नहीं है। भारी हंगामे के बाद
कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी। सरकार के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है। बिल पास करवाने के लिए सिर्फ शुक्रवार का दिन बचा है। इसके बाद शीतकालीन सत्र खत्म हो जाएगा। गुरुवार को राज्यसभा की कार्यवाही में तीन तलाक बिल काफी नीचे रखा गया। विपक्ष ने इसका विरोध करते हुए बिल तुरंत सेलेक्ट कमेटी में भेजने की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की। साथ ही वोटिंग की मांग भी उठी। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा और गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वह सरकार की मदद करना चाहते हैं, लेकिन सरकार भी उनकी बात माने। बिल में मुस्लिम महिलाओं को खत्म करने के प्रावधान हैं। तीन तलाक देने पर पत्नी और उसके बच्चे के गुजारे भत्ते की व्यवस्था सरकार करे। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा- कांग्रेस नहीं चाहती कि बिल पास हो। विपक्ष का प्रस्ताव वैध नहीं है। विधेयक में अड़ंगा डालने वालों को समिति में शामिल नहीं कर सकते।
नोकझाेंक के बीच राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा कि बिल की लिस्टिंग सरकार करती है। इसके अनुसार उन्होंने जीएसटी बिल पर चर्चा शुरू करवा दी। उन्होंने कहा कि अगर तीन तलाक बिल में कोई तकनीकी खामी आती है तो संशोधन किया जाएगा। इस पर विपक्ष और भड़क गया। तृणमूल सांसद डेरेक ब्रायन और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बीच नोकझाेंक हुई। इसके बाद उपसभापति ने कार्यवाही स्थगित कर दी गई। इससे पहले सभापति वेंकैया नायडू ने तीन तलाक समेत अन्य मुद्दों पर जारी गतिरोध खत्म करने के लिए दोनों पक्षों के नेताओं के साथ बैठक की, लेकिन यह व्यर्थ साबित हुआ।