Wednesday, January 3, 2018

साइको किलर का कहर, दो घंटे में पलवल में छह लोगों की जान ली, रॉड को बनाया हथियार

साभार: जागरण समाचार 
पलवल शहर में मंगलवार अलसवेरे एक साइको किलर ने एक महिला सहित छह लोगों के सिर पर रॉड मारकर उनकी जान ले ली। उसने जिन्हें मारा, कोई भी उसका जानकार नहीं था और न ही उससे कोई रंजिश थी। पुलिस
थाने से लगभग आधा किलोमीटर के दायरे में उसे जो भी मिला, उसी को निशाना बना लिया। भिवानी में कृषि विभाग में बतौर विषय विशेषज्ञ कार्यरत साइको किलर नरेश धनखड़ सेना में भी रह चुका है। वह सोमवार देर रात करीब दो बजे सड़क पर निकला और मंगलवार तड़के चार बजे तक खूनी खेल खेलता रहा। हत्यारे का सीसीटीवी कैमरे से उतारा गया फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा तो पुलिस ने लोगों की मदद से उसे सुबह साढ़े सात बजे आदर्श कालोनी से गिरफ्तार किया गया। 
आदर्श कालोनी में नरेश की ससुराल है। वह ससुराल वालों को भी निशाना बनाना चाहता था। वह अपनी ससुराल पहुंचा और गेट पर खड़े होकर भीतर जाने की तरकीब सोचने लगा। इससे पहले कि वह ससुराल में प्रवेश कर पाता, पुलिस पहुंच गई। पुलिस को आते देखा तो वह भागने लगा। भागते हुए उसका पैर नाली में फंस गया और वह गिर गया। खुद को पुलिस की गिरफ्त में आता देख उसने पुलिस टीम के एएसआइ रामदिया पर रॉड से हमला कर दिया। रामदिया ने रॉड के वार को हाथ पर लिया और अपना सिर बचाया। तब तक दूसरे कांस्टेबल लुकमान ने पीछे से नरेश को पकड़ लिया। इस दौरान बल प्रयोग भी करना पड़ा, जिससे उसके सिर पर चोट आई। उसे ब्रेन हैमरेज होने के बाद नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शहर में हुई इन हत्याओं की जानकारी लोगों को हुई तो वे सड़कों पर आ गए। जब लोगों को नरेश की गिरफ्तारी की खबर मिली, तब जाकर उन्हें चैन महसूस हुआ।
कृषि विभाग के भिवानी स्थित दफ्तर में पिछले डेढ़ साल से कार्यरत नरेश धनखड़ 29 दिसंबर से बिना किसी सूचना के गायब था। उसके दफ्तर के अधिकारियों का तो यहां तक कहना है कि यदि वह पलवल नहीं जाता तो भिवानी में कहर बरपाता। कृषि उपनिदेशक पीएस सभ्रवाल ने बताया कि नरेश ने 27 व 28 दिसंबर को कार्यालय में जोरदार हंगामा किया था। दफ्तर में किसी के साथ भी नरेश के मैत्रीपूर्ण संबंध नहीं थे। नरेश के दफ्तर के अधिकारियों का कहना है कि वह पिछले डेढ़ साल से भिवानी में बतौर विषय विशेषज्ञ कार्य कर रहा था। उसकी पहले दिन से ही यहां के कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ अनबन शुरू हो गई थी। कर्मचारियों को नौकरी से छुट्टी करवाने की आए दिन धमकी देता रहता था।
ससुराल वालों से था झगड़ा, पत्नी रहती थी अलग: नरेश की पत्नी पिछले चार साल से अपने मायके में रह रही है। वह पत्नी और ससुराल वालों से तो झगड़ा करता ही था, अपने दफ्तर के कर्मचारियों से भी झगड़ता रहता था। मानसिक रूप से परेशान रहने के कारण ही उसे सेना से सेवानिवृत्ति दी गई थी। एक बार उसने पुलिस टीम से झगड़ा कर लिया था। उसके बाद सस्पेंड हुआ था। इस पर उसने कहा था कि एक दिन तुम सबको सबक सिखाऊंगा।
वीआइपी शो करता था खुद को: भिवानी की कृष्णा कालोनी स्थित पीजी में जहां वह रहता था, वहां भी किसी से कोई बातचीत नहीं करता था। पीजी चलाने वाले सन्नी ने बताया कि वह पिछले करीब एक सप्ताह से नहीं आ रहा है। नरेश यहां पर करीब ढाई माह से रह रहा था। सन्नी के अनुसार नरेश पीजी में रहने वाले दूसरे लोगों से बातचीत नहीं करता था और ऐसा व्यवहार करता था जैसे वीआइपी हो।