प्रदेशके विभिन्न विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों को पहले नॉन टेक्नीकल से टेक्नीकल ग्रेड में लाने के बाद एक्ट बना आदेशों को वापस लेने के हरियाणा सरकार के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट ने पब्लिक हैल्थ डिपार्टमेंट में काम करने वाले कर्मचारियों की याचिका हरियाणा सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।मामले में याचिका दायर करते हुए राम निवास अन्य की ओर से कहा गया कि वे पब्लिक हैल्थ डिपार्टमेंट में बतौर वाटर पंप ऑपरेटर काम करते हैं। यह काम पूरी तरह से टेक्नीकल है। हरियाणा सरकार ने इसी के चलते उनको 2012 में टेक्नीकल ग्रेड दे दिया था। उन्हीं की तरह प्रदेश भर के हजारों ऐसे कर्मचारी थे जिन्हें हरियाणा सरकार के इन आदेशों के चलते फायदा मिला था।
इसी बीच हरियाणा सरकार ने हरियाणा एबोलिशन ऑफ डिस्टिंकशन ऑफ पे स्केल बिट वीन टेक्निकल एंड नॉन टेक्निकल पोस्ट एक्ट 2014 को मंजूरी दे दी। इस एक्ट के चलते याचिकाकर्ता को टेक्नीकल से नॉन टेक्नीकल ग्रेड में शिफ्ट कर दिया है। याची ने हरियाणा सरकार के इस फैसले को गलत और पूरी तरह से याची के साथ अन्याय करार देते हुए रद्द करने की अपील की। जस्टिस एसके मित्तल की खंडपीठ ने मामले में दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार और अन्य को नोटिस जारी करते हुए 27 अप्रैल तक अपना पक्ष रखने को कहा है।
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साभार: भास्कर समाचार
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