प्रदेशभर के एडिड स्कूलों के स्टाफ के लिए अच्छी खबर है। उन्हें हर माह न केवल समय पर वेतन मिलेगा बल्कि तनख्वाह में मनमाने तरीके से कटौती करने के धंधे पर भी लगाम लगेगी। शिक्षा निदेशालय के निर्देशानुसार अब केवल उन्हीं स्कूलों को स्टाफ की सेलरी दी जाएगी जिनका एसक्रो अकाउंट होगा। यह पोस्ट
आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। एसक्रो अकाउंट से कर्मचारियों का वेतन सीधे उनके खातों में जाएगा। इतना ही नहीं, सभी एडिड स्कूलों को हर माह वेतन दिया जाएगा न कि तिमाही में ग्रांट जारी की जाएगी। नया नियम जनवरी से लागू हो गया है। कर्मचारियों का वेतन दिलाने के लिए स्कूलों की प्रबंधन कमेटियों को हर हाल में एसक्रो अकाउंट खुलवाना होगा। पहले उन्हें अपने हिस्से का 25 प्रतिशत वेतन इस अकाउंट में डालना होगा जिसके बाद सरकार अपने हिस्से का 75 प्रतिशत वेतन डालेगी। जिन स्कूलों में मैनेजमेंट कमेटी नहीं है, वहां कर्मचारियों को अभी 75 प्रतिशत वेतन से ही काम चलाना पड़ेगा। प्रदेशभर में दो दर्जन स्कूल ऐसे हैं जिनमें आज तक प्रबंधन कमेटी का गठन नहीं हो सका है। दरअसल प्रदेशभर में 202 एडिड स्कूल हैं। इनमें 2200 शिक्षक व अन्य स्टाफ कार्यरत है। स्टाफ के 25 प्रतिशत वेतन को अक्सर स्कूल प्रबंधन पूरा नहीं देते। इस तरह की दर्जनों शिकायतें शिक्षा निदेशालय व जिला शिक्षा अधिकारी के पास पहुंचती हैं। इन्हीं के समाधान के लिए एसक्रो अकाउंट खुलवाया जा रहा है। हर तिमाही में सरकार की ओर से प्रदेशभर के एडिड स्कूल स्टाफ को 26 करोड़ रुपये की ग्रांट दी जाती है।
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साभार: जागरण समाचार
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