केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के इस कदम से अब 5,000 रुपये तक के आयकर रिफंड नहीं अटकेंगे। अब पिछले टैक्स डिमांड के एडजस्टमेंट के लिए आयकर अधिकारी के जवाब का इंतजार नहीं किया जाएगा। सीबीडीटी ने नई गाइडलाइन जारी की है जिसके अनुसार विभाग बकाया टैक्स डिमांड एडजस्ट करने के लिए
5,000 रुपये तक का रिफंड नहीं रोकेगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। कई बार विभाग इस बिना पर रिफंड रोक लाते है कि करदाता के विरुद्ध कोई पिछली टैक्स डिमांड बाकी है, जबकि करदाता किसी उससे इंकार कर रहा है। इस गाइडलाइन से रिफंड प्रोसेस में तेजी लाने में मदद मिलेगी। पिछले साल के मध्य अप्रैल से जनवरी के बीच आयकर विभाग अभी तक 65,000 करोड़ रुपये के रिफंड दे चुका है। सीबीडीटी ने एक सरकारी मेमोरेंडम में कहा है कि अगर करदाता पिछली किसी टैक्स डिमांड से इंकार कर रहा है तो सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) संबंधित आयकर अधिकारी को रिमाइंडर जारी करेगा और अनुरोध करेगा कि या तो 30 दिन के भीतर डिमांड की पुष्टि करें या फिर डिमांड नोट रद्द करें। दूसरी ओर टैक्स डिमांड की करदाता द्वारा विरोध नहीं किया गया है तो सीपीसी उसे 30 दिन का समय देकर डिमांड पर सहमति या असहमति व्यक्त करने का अनुरोध करेगा। करदाता ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपना जवाब दाखिल कर सकेंगे। सीबीडीटी का ताजा मेमोरेंडम उन केसों से संबंधित है जिनमें आईटी एक्ट के सेक्शन 245 के तहत करदाता को नोटिस जारी किया जा चुका है और विभाग रिफंड के विरुद्ध बकाया टैक्स एडजस्ट करना चाहता है। पिछले माह सीबीडीटी ने सीपीसी-बेंगलुरु और फील्ड स्टाफ को निर्देश दिया था कि 5000 रुपये तक के रिफंड और 5,000 रुपये तक के बकाया एरियर वाले मामलों में रिफंड तुरंत जारी कर दिए जाएं और उन्हें एडजस्टमेंट के लिए इंतजार न किया जाए। 1यह कदम छोटे रिफंड जारी करने में तेजी लाने के लिए उठाया गया था। अब विभाग ने विवादास्पद टैक्स डिमांड के मामलों के लिए भी गाइडलाइन जारी की है। गाइडलाइन पर केपीएमजी के इंडिया टैक्स पार्टनर विकास वासल ने कहा कि कभी-कभी करदाताओं के लिए बकाया डिमांड के विरुद्ध रिफंड का एडजस्टमेंट चिंता का विषय बन जाता है। सीबीडीटी का यह कदम सही दिशा में कदम है।
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साभार: जागरण समाचार
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