साभार: जागरण समाचार
देश की 40 फीसद आबादी को कैशलेस इलाज सुनिश्चित कराने वाली दुनिया की सबसे बड़ी राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना इसी साल से शुरू हो जाएगी। यह स्कीम 15 अगस्त या दो अक्टूबर को लांच की जा सकती है।
योजना का लाभ सभी जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने के लिए इसे परिवार में सदस्यों की संख्या से मुक्त रखा गया है। अनुमान है कि 50 करोड़ लोगों को पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज कराने में सालाना 10000-12000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। माना जा रहा है कि प्रति परिवार सालाना प्रीमियम 1000-1200 के बीच होगा। राज्यों के सहयोग से चलने वाली राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना पर 60 फीसद खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। शेष 40 फीसद का अंशदान संबंधित राज्य सरकारें करेंगी। नीति आयोग राज्यों के साथ विचार करके इसकी रूपरेखा बनाएगा। जल्द ही राज्यों की एक बैठक बुलाई जाएगी। माना जा रहा है कि इसके अगले पांच-छह महीने में जमीन पर उतारा जा सकता है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के अनुसार इस योजना के तहत आने वाले लोगों के लिए इलाज पूरी तरह कैशलेश होगा और पांच लाख रुपये तक खर्च पर अस्पताल मरीज से कोई पैसे नहीं मांगेगा। उनके अनुसार इस योजना को आम लोगों से जोड़ने के लिए इसे पेपरलेस रखा गया है। इसके लिए इसे आधार से जोड़ा जाएगा। यानी एक बार इसके दायरे में आने वाले गरीब परिवार की पहचान होने के बाद उस परिवार के सदस्यों के आधार नंबर को इसके डाटाबेस से जोड़ दिया जाएगा।’