साभार: जागरण समाचार
स्कूली शिक्षा में जिस तरीके से डिजिटल तकनीक का बोल-बोला बढ़ता जा रहा है, उसे देखते हुए शिक्षकों को भी डिजिटल ज्ञान देने की जरूरत महसूस होने लगी है। सरकार ने स्कूली शिक्षा को ब्लैक बोर्ड से निजात दिलाने का
उठाया है। इसके तहत स्कूलों में पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों को जहां रिफ्रेशर कोर्स कराने की तैयारी शुरू कर दी है, वहीं बीएड सहित शिक्षकों के प्रशिक्षण से जुड़े दूसरे कोर्सो के पाठ्यक्रम को भी अपडेट किया जा रहा है। इन सभी कोर्सो में अब डिजिटल प्रशिक्षण को अनिवार्य रूप से शामिल किया जा रहा है।
इस पूरी मशक्कत के पीछे उद्देश्य बिल्कुल साफ है कि आने वाले दिनों में स्कूलों में कोई भी शिक्षक ऐसा न हो, जो डिजिटल तकनीक के जरिए शिक्षा देने में असमर्थ है। मंत्रलय से जुड़े सूत्रों की मानें तो सरकार इसे लेकर जल्द ही एक बड़ा प्रोग्राम भी शुरू करने की तैयारी में है। वैसे भी बीएड और शिक्षकों के प्रशिक्षण से जुड़े दूसरे कार्यक्रम का पाठ्यक्रम मौजूदा शिक्षा के लिहाज से ठीक नहीं रहा है। यह काफी पुराना है। तब से अब में शिक्षा का पैटर्न काफी कुछ बदल गया है। स्कूली शिक्षा को सरकार ब्लैक बोर्ड से डिजिटल बोर्ड की तरफ ले जाने की तैयारी में जुटी है। स्मार्ट क्लास रूम बनाए जा रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि शिक्षकों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाए। सरकार की चिंता है कि यदि उसने शिक्षकों को डिजिटल तकनीक के जरिए पढ़ाने का प्रशिक्षण नहीं दिया तो मुहिम चौपट हो जाएगी।