Sunday, February 14, 2016

जूनून: कचरे से बनाया कोयला

जालंधर के उद्योगपति अजय पलटा ने पांच साल पहले ऐसा जुनून पाला, जिसने आज उन्हें एक नए मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया है। जुनून था कि किसी भी कीमत पर गंदगी खत्म करनी है। निकल पड़े समाधान ढूंढ़ने। विज्ञान की किताबों से दोस्ती की। कई शोध पत्र पढ़े। आखिर में इस नतीजे पर पहुंचे कि एक ऐसी
मशीन बनाई जा सकती है, जिसमें वह किसी भी तरह के वेस्ट को कोयले में बदल सकते हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। शुरुआत प्लास्टिक वेस्ट से हुई। प्लास्टिक वेस्ट को सबसे पहले गैस और फिर तेल में बदलने में सफलता हासिल की। इसके बाद खेतों से निकलने वाले बायो वेस्ट (पराली) पर ध्यान दिया। कुछ ही माह में पराली को भी चारकोल में बदल दिया। इसके बाद किचन वेस्ट, प्लास्टिक, पेपर, क्लॉथ व सीवरेज स्लज को भी उन्होंने कोयले में बदल डाला। आखिर में विचार आया कि अब एक ऐसी मशीन बनाई जाए जो सभी तरह के वेस्ट को एक साथ प्रोसेस कर कोयले में बदल सके। इस पर काम शुरू किया। अब उनके पास ऐसी मशीन तैयार है, जिसमें कोई भी वेस्ट डालकर उसे कोयले में बदल सकते हैं। 
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साभारजागरण समाचार 
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