Monday, February 1, 2016

मिड डे मील में छात्र संख्या प्रमाणित करेंगे अभिभावक

मिड डे मील परोसने में अब बच्चों की संख्या पर अभिभावकों की नजर रहेगी। इसके लिए मासिक आधार पर रोस्टर बनाया जाएगा। स्कूल में उपस्थिति दर्ज कराने वाले बच्चों की संख्या को अभिभावक प्रमाणित करेंगे। इसको लेकर जारी केंद्र सरकार के आदेश में कोताही बरतने पर मौलिक शिक्षा निदेशालय विभागीय
अधिकारियों पर शिकंजा कसेगा।
प्रभारी करते हैं घपला: सरकारी स्कूलों में पहली से लेकर आठवीं कक्षा तक के 15 लाख से अधिक बच्चों को दोपहर का भोजन परोसा जाता है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। निर्धारित मेन्यू के हिसाब से हर दिन अलग-अलग खाना पकता है। मिड डे मील प्रभारी बच्चों की संख्या में घालमेल कर राशन हड़प लेते हैं। इससे मौलिक शिक्षा निदेशालय को आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ता है। इन गड़बड़ियों को रोकने के लिए राजकीय प्राइमरी से लेकर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में प्रभारी को अब खाना पकाने के दौरान दो अभिभावकों की उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी। अभिभावकों की गैरमौजूदगी में मिड डे मील (एमडीएम) नहीं बंटेगा। यह जरूरी नहीं है कि अभिभावक स्कूल प्रबंधन समिति का सदस्य हो।
रजिस्टर में रखना होगा रिकॉर्ड: केंद्र सरकार की हिदायतों के मुताबिक गांव व शहर में किसी अभिभावक को इसकी जिम्मेवारी सौंपी जा सकती है। स्कूल इंचार्ज इस कार्य के लिए मासिक आधार पर पहले से ही अभिभावकों का रोस्टर बनाएंगे। खाना चखने से लेकर परोसने तक 2 अभिभावकों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। बच्चों की संख्या को प्रमाणित करने में इन अभिभावकों का अहम रोल होगा। केंद्र सरकार के इस कदम से विद्यालयों में होने वाले मिड डे मील राशन में घोटाले का खुलासा हो सकेगा। 
डीईईओ को भेजा पत्र: निदेशक मौलिक शिक्षा ने केंद्र सरकार के इस निर्णय से अवगत कराने के लिए सभी जिलों के मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र (1/42-2015 एमडीएम (1)) भेजा है। पत्र की अनुपालना सुनिश्चित कराने की सख्त हिदायत दी है। 
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साभारजागरण समाचार 
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