Saturday, February 13, 2016

शिक्षा विभाग की तर्ज पर अन्य विभागों में भी कर्मचारियों का डेटा ऑनलाइन

हरियाणा में हेल्थ, स्पोर्ट्स और अभिलेखागार डिपार्टमेंट में कर्मचारियों के ट्रांसफर अब ऑटोमैटिकली कंप्यूटर करेगा। सभी कर्मचारियों का डाटा कंप्यूटर में फीड रहेगा। ट्रांसफर चाहने वाले कर्मचारी को तीन ऑप्शन देने होंगे। इसके बाद कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की सहायता से तीनों में से किसी एक जगह पर संबंधित
कर्मचारी का ट्रांसफर कर देगा। इस तरह कर्मचारियों को ट्रांसफर के लिए तो किसी की सिफारिश करवाने की जरूरत नहीं रहेगी और ही सेक्रेटेरिएट में चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। कोशिश है कि कर्मचारी को अपने अगले स्टेशन की भी जानकारी रहे। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि अभी क्वालिफाइड डॉक्टर्स ट्रांसफर के लिए विधायकों, सांसदों के यहां चक्कर लगाते रहते हैं, घंटों इंतजार करते हैं। या फिर सेक्रेटेरिएट या मंत्रालय में अफसरों और बाबुओं की मिजाजपुर्सी करते रहते हैं। यह स्थिति ठीक नहीं है। 
दूसरी वजह यह है कि ट्रांसफरों का काम मोटे तौर पर क्लर्क के हाथ में हैं। उस पर डिपेंड करता है कि वह किसे उठाए और उसकी जगह किसे लगाए। इसमें करप्शन की भी आशंका बनी रहती है। करप्शन को खत्म करने के उद्देश्य से उन्होंने अपने डिपार्टमेंट्स में ट्रांसफर्स को मेन्युअल काम पूरी तरह बंद करने का फैसला किया है। इसके लिए विशेष सॉफ्टवेयर बनवाया जा रहा है। हेल्थ, मेडिकल एजुकेशन और स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के सॉफ्टवेयर तैयार हो गए हैं, जबकि अभिलेखागार डिपार्टमेंट का सॉफ्टवेयर जल्दी तैयार करा लिया जाएगा। 
ऑनलाइन देनी होगी एप्लीकेशन: सभी विभागीय कर्मचारियों का पूरा डाटा कंप्यूटर में फीड किया जा रहा है। इसके तहत नाम, पद, गृह जिला, सीनियॉरिटी और पोस्टिंग अवधि आदि सूचनाएं फीड की जा रही हैं। कोई भी डॉक्टर, अधिकारी या कर्मचारी अगर अपना ट्रांसफर कराना चाहता है तो उसे ऑनलाइन एप्लीकेशन देनी होगी। इसमें ट्रांसफर के लिए 3 इच्छित स्थानों का ऑप्शन देना होगा। जब भी ट्रांसफर करने होंगे तो कंप्यूटर खाली स्थान और सीनियॉरिटी के हिसाब से ट्रांसफर कर देगा। इसमें यह भी व्यवस्था होगी कि अगर किसी कर्मचारी को कहीं से हटाना भी पड़ा तो सबसे पहले उस कर्मचारी को हटाया जाएगा, जो सबसे लंबी अवधि से जमा हो। अगर प्रशासनिक कारणों से किसी कर्मचारी की मेन्युअल ट्रांसफर करनी पड़ी तो अगली ट्रांसफर कंप्यूटर रेंडम ली कर देगा। इसमें कोशिश यह भी की जा रही है कि हर कर्मचारी को पहले से पता हो कि उसका अगला ट्रांसफर किस जगह पर होना है। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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