9,455 जेबीटी की भर्ती खारिज करने की मांग को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल अर्जी पर गुरुवार को सुनवाई होगी। कोर्ट ने इस दौरान सीएफएसएल के निदेशक और सरकार के काउंसिल को कोर्ट में मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।
याची ने कहा कि पहले ही यह बात सामने चुकी है कि सरकार द्वारा दिया गया रिकॉर्ड सही नहीं है। नवीन कुमार अन्य उम्मीदवारों की तरफ से अर्जी दायर कर कहा गया कि 9,455 शिक्षकों की भर्ती निकाली गई थी। इस दौरान आयोजित इंटरव्यू में दिए गए अंकों का मामला हाईकोर्ट में लंबित है जिसके चलते चयनित शिक्षकों को अभी तक नियुक्ति नहीं दी गई है। इस भर्ती में केवल इंटरव्यू में दिए गए अंक ही नहीं बल्कि पूरी भर्ती धांधली भरी है। इस भर्ती को लेकर हरियाणा सरकार द्वारा कोर्ट में कई जानकारियों को छिपाया गया। प्रदेश सरकार ने एक सदस्य के इंटरव्यू पैनल की बात कही है जबकि आरटीआई से खुलासा हुआ है कि इंटरव्यू पैनल में एक और सदस्य था जिसने 6 माह तक इंटरव्यू लिए। इस सदस्य के बारे में हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को नहीं बताया। भर्ती का परिणाम जारी होने पर भी पैनल के इस सदस्य का नाम और हस्ताक्षर रिकॉर्ड में मौजूद नहीं थे, जबकि आरटीआई में बताया गया कि इस पैनल सदस्य ने इंटरव्यू लिए और इसे इसके लिए भुगतान भी किया गया। याची ने 87 उम्मीदवारों की एक सूची देकर बताया कि यह वे शिक्षक हैं जिनके अंक चयनित उम्मीदवारों से अधिक थे। बावजूद इसके इन्हें चयनित सूची में शामिल नहीं किया गया।
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साभार: जागरण समाचार
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