आयकर रिटर्न दाखिल न करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए आयकर विभाग ने नया डाटाबेस तैयार किया है। इस विशेष अभियान को आयकर विभाग ने ‘नॉन फाइलर्स मैनेजमेंट सिस्टम (एनएमएस)’ नाम दिया है। आयकर विभाग रिटर्न दाखिल न करने वालों लोगों को पैन डाटाबेस में उल्लिखित पते के आधार पर चिट्ठियां या नोटिस भेजा करता था। पते पुराने होने के कारण कई बार ये चिट्ठियां और नोटिस संबंधित व्यक्ति को नहीं मिल पाते थे और वे वापस लौट आते थे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। आयकर विभाग के सिस्टम इकाई ने एनएमएस इलेक्ट्रॉनिक डाटाबेस में तकनीक को उन्नत कर उस पते को शामिल किया है जो किसी व्यक्ति या उसके सहयोगी द्वारा दाखिल आयकर रिटर्न या सालाना सूचना रिपोर्ट (एआईआर) में डाला गया है। एनएमएस डाटाबेस ऐसी खुफिया तकनीक पर चलता है जिसमें आयकर रिटर्न दाखिल न करने वाले लोगों को ढूंढने के लिए खुफिया तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इस डाटाबेस की मदद से आयकर विभाग ने अभियान चलाया जिसके परिणामस्वरूप 11 लाख लोगों ने एसेसमेंट वर्ष 2014-15 के दौरान अपना आयकर रिटर्न दाखिल किया है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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