Saturday, July 1, 2017

15वें अटॉर्नी जनरल 86 साल के वेणुगोपाल: 57 साल पहले सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की, बाबरी मामले में कर चुके सरकार की पैरवी

सीनियर वकील और संविधान विशेषज्ञ केके वेणुगोपाल भारत के 15वें अटॉर्नी जनरल होंगे। वे मुकुल रोहतगी की जगह लेंगे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। जल्द ही इसकी आधिकारिक
घोषणा की जाएगी। पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित वेणुगोपाल दूसरी बार सरकार में बड़ी जिम्मेदारी निभाएंगे। इससे पहले वह मोरारजी सरकार में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल रहे हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। वेणुगोपाल हाल ही में वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और अन्य की ओर से भी इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में पेश हुए थे। मामले में कोर्ट ने आरोपियों पर आपराधिक साजिश के आरोप बहाल कर ट्रायल को 2 साल में पूरा करने का आदेश दिया है। इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट के जज सीएस कर्नन की ओर से वेणुगोपाल मद्रास हाईकोर्ट में पेश हुए थे। उन्होंने कहा था कि यदि कर्नन को उनके पद पर रहते हुए सजा दी गई तो न्यायपालिका की छवि खराब होगी। इसलिए सुनवाई उनके रिटायरमेंट तक टाल दी जाए। हालांकि, कोर्ट ने उनके अनुरोध को खारिज कर दिया था। वेणुगोपाल कई सरकारों का भी कोर्ट में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। टू-जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में वह सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे। एक जांच अधिकारी को हटाने के मामले में सरकार और एजेंसी से अलग राय रखने पर ईडी उन्हें बदलना चाहता था, पर सुप्रीम कोर्ट ने वेणुगोपाल को अपना काम जारी रखने को कह दिया। राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम की सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व किया था। इसमें उन्होंने जजों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली को हटाने के लिए केंद्रीय कानून का समर्थन किया था। भाजपा सरकार के साथ उनका जुड़ाव अयोध्या आंदोलन के समय से है। वह यूपी की कल्याण सिंह सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे। उन्होंने आश्वासन दिया था कि विवादित ढांचे की रक्षा की जाएगी। हालांकि, 6 दिसंबर, 1992 को कारसेवकों ने ढांचे को ढहा दिया। बाद में वह तत्कालीन चीफ जस्टिस एमएन वेंकटचलैया के घर पर शाम को बैठी पीठ के सामने पेश हुए थे। वेणुगोपाल को भूटान सरकार ने संवैधानिक सलाहाकर नियुक्त किया था। उन्होंने भूटान का संविधान बनाने में रोल निभाया। 
मद्रास हाईकोर्ट में पिता के अंडर में प्रैक्टिस शुरू की थी: केके वेणुगोपाल का जन्म 1931 में केरल में हुआ था। पर परवरिश कर्नाटक के मेंगलोर में हुई। उन्होंने बेलगाम के राजा लखामगौडा लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की। उनके पिता एमके नाम्बियार भी वकील थे। वेणुगोपाल के दो बेटे और एक बेटी हैं। 86 साल के वेणुगोपाल ने 1954 में मैसूर हाईकोर्ट के बार में रजिस्ट्रेशन कराया था। बाद में मद्रास हाईकोर्ट में अपने पिता एमके नाम्बियार के अंडर में प्रेक्टिस शुरू की। 1960 में सुप्रीम कोर्ट में वकालत शुरू की। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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