दो वर्ष से राजनीति में उलझी हुई एमपीएचडब्ल्यू की परीक्षाएं हेल्थ यूनिवर्सिटी के कैलेंडर में एडजस्टमेंट नहीं बन पाने की वजह से अटकी हुई है। एकेडमिक सत्र के बीच में डीएमईआर से परीक्षा कराने की जिम्मेदारी मिलने के बाद से ही हेल्थ यूनिवर्सिटी प्रशासन टेंशन में है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट
डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। कारण है कि पूरे वर्ष का शैक्षणिक कैलेंडर पहले ही बना लिया जाता है और अब एक और परीक्षा को उसके अंदर करवाना बेहद पेचीदा है। पिछले पांच माह से विवि प्रशासन इसी उधेड़ बुन में लगा हुआ है कि आखिर 2 सरकारी और 17 निजी कॉलेजों के 1200 विद्यार्थियों की परीक्षा कैसे करवाए। अब प्रशासन द्वारा दावा किया जा रहा है कि मार्च तक परीक्षाएं करवा दी जाएंगी। अगले सप्ताह परीक्षा की तिथियां घोषित की जा सकती है।
यूं अटके थे परीक्षा में रोड़े: तत्कालीनसरकार में प्रदेश में एएनएम, जीएनएम और एमपीएचडब्ल्यू संस्थान धड़ाधड़ खुले। पहले इनकी परीक्षा का जिम्मा नर्सिंग काउंसिल के पास था, जिसे बाद में चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान (डीएमईआर) को सौंपा गया। इस दौरान धड़ल्ले से नकल चली। एएनएम-जीएनएम का तो रिजल्ट तक रोक लिया गया। स्थिति नियंत्रण में नहीं सकी तो एमपीएचडब्ल्यू (मेल) की परीक्षाएं कराने की जिम्मेदारी पंडित बीडी शर्मा हेल्थ विवि रोहतक को वापस सौंप दी। इसका खामियाजा प्रदेश के उन 1200 से ज्यादा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है, जिनकी परीक्षाएं अभी तक रुकी पड़ी हैं। शैक्षणिक सत्र 2013-14 और 2014-15 की परीक्षाएं कराने के लिए विवि प्रबंधन टालमटोली में लगा है। बताया जा रहा है कि अब मार्च-अप्रैल के बीच ये परीक्षाएं संपन्न होनी हैं।
विवि की आधिकारिक वेबसाइट पर सूचना डाल दी गई है। मार्च तक परीक्षाएं कराने की योजना है। चूंकि इस दौरान अन्य परीक्षाएं भी करानी होंगी। इसलिए कैलेंडर के गैप में इन परीक्षाओं को रखा जाएगा। पूरी उम्मीद है कि एक सप्ताह के भीतर परीक्षा की तिथि घोषित कर दी जाएगी। -डॉ. संजय कुमार, परीक्षा नियंत्रक, हेल्थ विवि
किसी भी परीक्षा को संपन्न कराने के लिए विवि को दो से तीन माह का वक्त लगता है, जबकि इसका शैक्षणिक सत्र एक वर्ष पहले ही बन जाता है। अब चूंकि सत्र के बीच में परीक्षाएं कराने का आदेश मिला। इसलिए कैलेंडर के साथ इस परीक्षा को भी कराना मुश्किलों भरा है। बस, यहीं एमपीएचडब्ल्यू का पेंच फंसा है। बहरहाल, इस शैक्षणिक सत्र के अंत से पहले परीक्षाएं कराने का दावा विवि प्रबंधन कर रहा है। इस हिसाब से देखें तो मार्च की शुरुआत में परीक्षा तिथि घोषित हो जाएगी।
डीएमईआर से 7 सितंबर को हेल्थ यूनिवर्सिटी को ई-मेल मिला था। इस पर प्रबंधन के शीर्ष अधिकारियों ने बैठक की। बैठक में व्यस्तता के साथ-साथ मैनपॉवर कम होने और निजी कॉलेजों द्वारा परीक्षा केंद्रों पर गड़बड़ी करने की बात भी हुई, लेकिन प्रबंधन को आखिर में इस आदेश को स्वीकारना ही पड़ा।
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साभार: भास्कर समाचार
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