शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने कहा कि पिछले साल सरकारी स्कूलों में मासिक परीक्षा लेने की जो शुरुआत की गई थी, उसके अच्छे नतीजों को देखते हुए दूसरे राज्यों की सरकारें भी यह प्रक्रिया अपनाना चाहती हैं। कई राज्य सरकारें उनके संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि कॉलेजों में के विभिन्न विषयों के सहायक
प्राध्यापकों के 1,647 रिक्त पदों को जल्द भरा जाएगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सोमवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की अध्यक्षता में आयोजित शिक्षक एवं शिक्षा की गुणवत्ता पर राज्य सरकारों के साथ विमर्श बैठक में उन्होंने कहा कि नियमित भर्ती प्रक्रिया थोड़ी लंबी होती है। इसलिए फैकल्टी की कमी को दूर करने के लिए विजिटिंग फैकल्टी लगाने का सिस्टम विकसित किया गया है। उन्होंने सुझाव दिया कि विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए नई तकनीक को प्रभावी बनाने की जरूरत है। स्कूली शिक्षा पूरा होने पर जब बच्चा करियर के रूप में अध्यापक बनने का रास्ता चुनना चाहता है तो उसकी शिक्षा प्रोफेशनल तरीके से दी जानी चाहिए। प्रो. रामबिलास ने कहा कि तीन-चार साल पहले तक बहुत कम बच्चे ऐसे थे जो अपनी कक्षा के लेवल के अनुसार ज्ञान रखते थे, परंतु अब हरियाणा इस दिशा में सुधार की तरफ कदम बढ़ा रहा है। गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम (क्यूआइपी) के तहत 5 साल में पहली कक्षा से लेकर पांचवी कक्षा तक के 80 प्रतिशत और 7 साल में छठी कक्षा से आठवीं कक्षा तक के 80 प्रतिशत बच्चे के अपने-अपने लेवल को प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
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साभार: जागरण समाचार
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