Thursday, February 4, 2016

गरीबों के लिए लिए एक लाख सस्ते मकान; सीएलयू के लिए नहीं अटकेंगी फाइलें

प्रदेश में गरीब भी अब सस्ते मकान खरीद सकेंगे। नई समेकित लाइसेंसिंग पालिसी 2015 के अगले चरण में राज्य सरकार ने बुधवार को दीनदयाल जन आवास योजना को मंजूरी दे दी है। यह योजना छोटे और मध्यम श्रेणी के शहरों में रहने वाले गरीब लोगों के लिए होगी। योजना के तहत बिल्डर्स को 2 से 10 एकड़ तक जमीन
पर भी कालोनी काटने अथवा हाउसिंग सोसायटी बनाने की अनुमति दी जाएगी। ऐसी जमीन यदि किसान की है तो वह स्वयं भी लाइसेंस हासिल कर मकान बनाकर बेच सकता है। अन्यथा उसके पास बाजार भाव के हिसाब से बिल्डर को जमीन बेचने का विकल्प खुला रहेगा। लाइसेंस लेने वाले बिल्डर को सरकार जमीन अधिगृहीत कर नहीं देगी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।मार्केट रेट पर उसे जमीन खुद खरीदनी होगी। अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के तहत पंचकूला जैसे शहर में गरीब लोगों को 1521 रुपये प्रति स्कवायर फीट की दर पर मकान उपलब्ध कराने की योजना है। सीएम ने दावा किया है कि अब बिल्डरों की मनमानी नहीं चलेगी।योजना की मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि पंचकूला में बिल्डर्स ने इस रेट पर मकान बनाकर देने की पेशकश की है। मतलब यह हुआ कि गुड़गांव व फरीदाबाद सरीखे बड़े शहरों में भी सस्ते मकान का रास्ता खुल गया है। मुख्यमंत्री के अनुसार लाइसेंस देते समय राजस्व अर्जित करना सरकार का उद्देश्य नहीं है। सरकार गरीबों को छत मुहैया कराने की मंशा से आगे बढ़ रही है। आरंभ में करीब एक लाख मकान बनाकर देने की योजना है। सरकार 10 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर पर भी लाइसेंस देने को तैयार है। बिल्डर्स को सात साल के भीतर प्रोजेक्ट पूरा करना होगा। जरूरत पड़ने पर एफएआर में बढ़ोतरी की जा सकती है। उन्होंने बताया कि अब किसी भी सीएलयू के लिए 90 दिन से अधिक फाइल किसी भी स्तर पर नहीं अटकेगी।
  • अब 2 से 10 एकड़ जमीन में कालोनी काट सकेंगे बिल्डर
  • खरीदनी होगी ओपन मार्केट से प्रोजेक्ट के लिए जमीनें
  • किसान जमीन पर कालोनी काटने का ले सकेंगे लाइसेंस
  • सात साल में पूरा करना होगा कोई भी प्रोजेक्ट
  • पंचकूला जैसे शहर में 1521 रुपये स्क्वायर फीट
  • 10 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से लाइसेंस देगी सरकार
  • 90 दिन से अधिक सीएलयू का कोई केस लंबित नहीं होगा

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साभारजागरण समाचार 
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