Sunday, February 14, 2016

अस्थायी नौकरी क्या होती है, शिक्षकों को नियमित करने का आदेश: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि अस्थायी नौकरी क्या होती है। 15 या 30 दिनों के लिए तो अस्थायी नियुक्ति हो सकती है लेकिन एक या दो वर्ष के लिए यह कैसे संभव है। शीर्ष अदालत ने आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसायटी द्वारा संचालित स्कूल में सालों तक अस्थायी तौर पर नियुक्त शिक्षकों को स्थायी करने का आदेश
देते हुए यह टिप्पणी की है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।अदालत ने बेहद कड़े अंदाज में कहा कि अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो स्कूल बंद कर दीजिए। न्यायमूर्ति एमआईए कलीफुल्लाह और न्यायमूर्ति एसए बोबडे की पीठ ने आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसायटी से कहा कि इन स्कूलों में जवानों के बच्चे पढ़ते हैं और आप उन बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों के साथ ऐसा बर्ताव कर रहे हैं। इन शिक्षकों को भी शांति से जीने का हक है। पीठ ने सोसायटी के रवैये पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि आपका आर्मी माइंड शिक्षकों के लिए नहीं है।
क्या था मामला: आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसायटी ने धौला कुआं और दिल्ली कैंट स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल में अलग-अलग समय पर कुल नौ लोगों को अस्थायी तौर पर नियुक्त किया था। इनमें चार शिक्षक, एक लैब हेल्पर, दो ड्राइवर, एक नर्सिंग असिस्टेंट तथा एक अकाउटेंट क्लर्क था। इनको बाद में विस्तार भी दिया गया था। हाईकोर्ट भी इनके पक्ष में फैसला सुना चुका है।
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साभार: अमर उजाला समाचार 
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