हाईकोर्ट नेे केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि देश भर में आठ मई को होने वाले कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट नामक एंट्रेंस टेस्ट पर आखिर रोक क्यों न लगा दी जाए। यह नोटिस एक छात्र की ओर से परीक्षा के लिए केवल ऑनलाइन माध्यम ही रखने को गलत ठहराते हुए दायर याचिका पर जारी किया गया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। चंडीगढ़ के हमेन अग्रवाल ने एडवोकेट डॉक्टर अनमोल रत्न सिंह सिद्धू की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा है साल 2006 से शुरू हुई यह परीक्षा ऑफ लाइन ही होती रही है। इसी माध्यम से देश के 17 लॉ स्कूलों में दाखिले के लिए एंट्रेंस टेस्ट होता रहा है। टेस्ट के लिए ऑनलाइन माध्यम अपनाना शुरू कर दिया गया है। ऐसे में कई छात्र टेस्ट में नहीं बैठ सके। दूसरी दलील दी है कि ऑनलाइन परीक्षा में वैकल्पिक उत्तर नहीं बदला जा सकता, लिहाजा मांग की गई कि ऑनलाइन के साथ-साथ टेस्ट की ऑफ लाइन प्रणाली भी जारी रखी जाए, ताकि सभी इच्छुक छात्र परीक्षा में भाग ले सकें। याचिका में बताया कि है कि इस साल यह परीक्षा राजीव गांधी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी पटियाला में आयोजित होने जा रही है। याचिका में मांग की गई है कि ऑफ लाइन प्रणाली भी जारी रखी जाए और याचिका की सुनवाई तक परीक्षा पर रोक लगाई जाए। हाईकोर्ट ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय, बार काउंसिल ऑफ इंडिया व राजीव गांधी यूनिवर्सिटी पटियाला को नोटिस जारी कर दो मार्च तक जवाब देने को कहा है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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