Thursday, February 18, 2016

जाटों को आर्थिक आधार पर 20 फीसदी आरक्षण का फैसला

हरियाणा सरकार और जाट नेताओं के बीच करीब चार घंटे तक चली बातचीत के बाद आर्थिक आधार पर दिए जा रहे 10 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का फैसला ले लिया गया है। फिलहाल जाट भी ब्राह्मण, वैश्य, राजपूत व पंजाबी सहित सभी सामान्य जातियों के लिए तय किए गए इस बढ़े हुए आरक्षण
कोटे में शामिल रहेंगे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। आर्थिक पिछड़ेपन के आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान पूर्व की हुड्डा सरकार के कार्यकाल से है। मौजूदा भाजपा सरकार ने मुख्यमंत्री निवास पर हुई जाट एवं खाप प्रतिनिधियों के साथ बातचीत में इसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का फैसला किया है। आर्थिक आधार पर आरक्षण का कोटा बढ़ाने के बाद सरकार ने कहा कि यह स्थाई समाधान नहीं है। बैठक में स्पष्ट किया गया कि जब तक जाटों सहित पांचों जातियों जट सिख, त्यागी, रोड़ व बिश्नोई को विशेष पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत 10 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा नहीं मिलती, तब तक इन जातियों को आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग आधार पर शैक्षिक संस्थानों में दाखिले तथा नौकरियों में आरक्षण मिलेगा। गरमागरमी के बीच चली बातचीत के बाद न तो सरकार ने दावा किया कि इस फैसले के बाद जाट अपना आंदोलन वापस ले लेंगे और न ही जाट एवं खाप प्रतिनिधियों ने आंदोलन खत्म करने का एलान किया। जाट एवं खाप नेताओं ने कहा कि सरकार के साथ बातचीत के बारे में सड़कों, राष्ट्रीय राजमार्ग तथा एवं रेलवे ट्रैक पर बैठे आंदोलनकारियों को बताया जाएगा। आंदोलनकारी अगर कहेंगे कि यह फैसला सही है तो फिर आंदोलन वापस होगा। 
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साभारजागरण समाचार 
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