हरियाणा सरकार पंचकूला के औद्योगिक प्लॉट आवंटन मामले की जांच के लिए सोमवार को सीबीआइ को पत्र लिख सकती है। राज्य सरकार ने इस केस से जुड़े तमाम दस्तावेज जुटा लिए हैं। अगर किसी तकनीकी कारणों से विलंब हुआ तो विजिलेंस ब्यूरो तफ्तीश को आगे बढ़ाएगा। प्रदेश सरकार ने मामले को सीबीआइ के हवाले करने से पहले राज्य के महाधिवक्ता बलदेव राज महाजन से लंबी मंत्रणा की है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। महाधिवक्ता ने बताया है कि विजिलेंस द्वारा एफआइआर दर्ज करने के बाद सीबीआइ को केस अपने अधीन लेने में कोई तकनीकी दिक्कत नहीं आने वाली है। अमूमन ऐसे मामलों में सीबीआइ प्राथमिक जांच के बाद ही केस पकड़ती है, लेकिन सरकार के पास विजिलेंस द्वारा दर्ज एफआइआर एक बड़ा आधार है, जिसके बाद सीबीआइ को पूरे प्रकरण में प्राथमिक जांच भी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। विजिलेंस ब्यूरो ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व तीन अधिकारियों समेत 17 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के बाद इसकी प्रति मुख्य सचिव कार्यालय को भिजवा दी है। सरकार के स्तर पर अब केस को सीबीआइ के हवाले करने की औपचारिकता पूरी की जाएगी। सीबीआइ के सुपुर्द किए जाने तक हरियाणा विजिलेंस ब्यूरो ही इसकी तहकीकात करते हुए तथ्य जुटाने का काम करेगा। भाजपा सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के विरुद्ध हालांकि सीबीआइ जांच की अनुमति प्रदान कर दी है, लेकिन विजिलेंस ब्यूरो के पास अभी तक इसकी अधिकृत सूचना नहीं पहुंची है। विजिलेंस ब्यूरो के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि जब तक सीबीआइ यह केस नहीं पकड़ती, तब तक विजिलेंस ब्यूरो ही पूरे मामले की तफ्तीश करेगी।
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साभार: जागरण समाचार
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