स्कूलों में बच्चों को परोसे जाने वाले मिड-डे-मील की गुणवत्ता अब बच्चों के अभिभावक जांचेंगे। प्रत्येक स्कूल में हर रोज मिड-डे-मील बनाने से लेकर परोसे जाने तक की पूरी गतिविधि के दौरान कम से कम 2 अभिभावकों की मौजूदगी आवश्यक कर दी गई है। भारत सरकार की ओर से जारी नये आदेशों को तुरंत प्रभाव से सभी स्कूलों में लागू करने के आदेश दिए गए हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट
डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सरकार की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य मिड-डे-मील के कार्यान्वयन को देखेंगे तथा स्कीम के अंतर्गत खाने की गुणवत्ता, साफ-सफाई स्वच्छता आदि को चेक करेंगे। मिड-डे-मील की गुणवत्ता जांचने की छूट सभी अभिभावकों को दी गई है चाहे है वह स्कूल मैनेजमेंट कमेटी का सदस्य है या नहीं। आदेशों में कहा गया है कि मिड-डे-मील बनाने के बाद बच्चों को परोसने से पहले अभिभावक तैयार खाने को चखेंगे और यदि उसमें कोई कमी है तो उसे रजिस्टर में दर्ज करेंगे। उच्चाधिकारियों की टीम समय-समय पर स्कूलों में अभिभावकों की गुणवत्ता रिपोर्ट का आंकलन करेंगी।
मासिक आधार पर बनाना होगा रोस्टर: मिड-डे-मील परोसने के नये आदेशों के तहत राशन आदि खरीदने से लेकर उसे बनाने तक की पूरी गतिविधि में शामिल होने वाले अभिभावकों का रोस्टर मासिक आधार पर बनाया जाएगा। रोस्टर पहले ही बनाकर इसे रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा।
गुणवत्ता में और बेहतरी होगी: स्कूलों में मिड-डे-मील की गुणवत्ता जांचने का अधिकार अब अभिभावकों को भी दिया गया है। स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के साथ-साथ अब मिड-डे-मील बनाने से लेकर परोसे जाने तक कम से कम 2 अभिभावकों आवश्यक तौर पर मौजूद रहेंगे। गुणवत्ता जांच सहित सभी गतिविधियों का अवलोकन एक रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। अभिभावकों का मासिक रोस्टर भी पहले से ही तैयार करना होगा।
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साभार: भास्कर समाचार
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