Friday, December 25, 2015

घर की बही, लिखणिया 'काका': सांसदों का वेतन 50000 से एक लाख करने की तैयारी

संसद का शीतकालीन सत्र हंगामे के कारण कामकाज में ठंडा रहने और प्रस्तावित 67 बिलों में गिने चुने (लोकसभा और राज्यसभा में 14 और 9) बिल ही पास हो सके। संसद के इस कथित अकाज से देश को इस सत्र के हरेक दिन 10.4 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसके बावजूद जल्द ही माननीय सांसदों के वेतन में
दोगुनी बढ़ोतरी करने की तैयारी है। संसदीय मामलों के मंत्रलय ने इसका प्रस्ताव किया है। सरकार को लगता है कि सांसदों को इस वेतन वृद्धि का पूरा हक है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। संसद के आगामी बजट सत्र में सांसदों के वेतन में यह बढ़ोतरी हो सकती है। संसदीय मामलों के मंत्रलय ने सांसदों का मासिक वेतन दोगुना यानी 50 हजार रुपये से सीधे एक लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया है। इसके अलावा, उनके दफ्तर और संसदीय क्षेत्र के भत्ते भी 45 हजार रुपये से बढ़कर ठीक दोगुने 90 हजार रुपये करने की सिफारिश की है। अगर वित्त मंत्रलय ने इन प्रस्तावों को स्वीकार कर लिया तो लोकसभा और राज्यसभा दोनों के ही सांसदों का प्रति माह वेतन 2.8 लाख रुपये हो जाएगा।
सचिवों से ज्यादा होगा सांसदों का वेतन: अगले वित्तीय वर्ष में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने की अटकलों के बीच संसदीय कार्य मंत्रलय के इस प्रस्ताव के तहत सांसदों का वेतन केंद्र सरकार के किसी सचिव से एक हजार रुपये अधिक करना और मंत्रियों का वेतन कैबिनेट सचिव से दस हजार रुपये अधिक करना है। वित्त मंत्रलय इस बात पर भी विचार कर रहा है कि सांसदों के वेतन को भी वेतन आयोग से संबद्ध कर दिया जाए। यही आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों का वेतनमान निर्धारित करता है। इस योजना के तहत प्रधानमंत्री का वेतन भी कैबिनेट सचिव से डेढ़ गुना अधिक करने का प्रस्ताव है। 

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साभारजागरण समाचार 
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