Tuesday, December 29, 2015

सराहनीय कदम: स्कूलों में प्रतिभाओं को तलाशेंगे धर्मवीर

बहुउद्देश्यीय खाद्य प्रसंस्करण मशीन के आविष्कार व जड़ी-बूटियों की खेती के बूते पर विदेशों में हरियाणा का नाम रोशन कर चुके राष्ट्रपति अवॉर्डी किसान धर्मवीर कांबोज अब स्कूलों में प्रतिभाओं को तलाशकर उन्हें निखारेंगे। वह सरकारी व निजी स्कूलों का दौरा कर ऐसे बच्चों को सूचिबद्ध करेंगे जिनके पास नए-नए फामरूले तो हैं, लेकिन प्लेटफार्म न मिलने के कारण उनको मूर्त रूप नहीं मिल पा रहा है। यह
पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। ऐसे बच्चों को नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन तक पहुंचाने का कार्य दामला वासी किसान धर्मवीर करेंगे। 
दैनिक जागरण से विशेष बातचीत के दौरान किसान धर्मवीर ने बताया कि वह जब 10वीं पास होकर एक मशीन का आविष्कार कर सकता है तो स्कूलों में पढ़ रहे बच्चे क्यों नहीं कर सकते। उनका मानना है कि ऐसे बच्चों की संख्या कम नहीं है जिनके पास एक से बढ़कर एक बेहतर आइडिया है और यह शिक्षा, चिकित्सा, पर्यावरण, कृषि, पशु पालन व ग्रामीण विकास में अहम मददगार साबित हो सकते हैं।उन्होंने बताया कि नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन ऐसी संस्था है जो इनोवेशन (नवप्रवर्तन) के क्षेत्र में कार्य कर रही है और उभरती प्रतिभाओं को प्लेटफार्म देकर उन्हें सम्मानित भी करती है। हर वर्ष लाखों बच्चों के फामरूले इस संस्था के पास पहुंचते हैं। चयन होने पर ऐसे बच्चों को आगे बढ़ने का मौका मिलता है और साथ ही दूसरों के लिए प्रेरणा भी बनते हैं। 
उन्होंने ऐसा करने का निर्णय इसलिए लिया कि ग्रामीण अंचल में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। जरूरत है उनको मौका मिलने की। नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन के साथ-साथ सृष्टि व हनी बी जैसी संस्थाएं भी इस क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। स्कूलों में प्रार्थना के बाद बच्चों को बताया जाएगा कि बिना अध्यापकों व अभिभावकों से परामर्श किए बगैर ऐसा आइडिया अपने मन में डेवलेप करें जो अविष्कार बन सकता है।स्वयं ऐसे बने अविष्कारक: जड़ी-बूटियों, फूलों व फलों को प्रोसेस करने के लिए उन्होंने बहुउद्देशीय खाद्य प्रसंस्करण मशीन का अविष्कार किया। रादौर खंड के गांव दामला निवासी किसान धर्मवीर द्वारा नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन भारत के सहयोग से डिजाइन की गई बहुउद्देश्यीय खाद्य प्रसंस्करण मशीन न केवल भारत वर्ष में बल्कि विदेशों में भी पहचान बना चुकी है। वर्ष-1996 में उन्होंने जड़ी-बूटियों की खेती शुरू की थी। करीब 10 वर्ष तक उसने लगातार सैकड़ों प्रकार की जड़ी-बूटियों की खेती की। 2005 में उन्होंने एलोवेरा की खेती की ओर अधिक ध्यान देना शुरू कर दिया। उनके पास खुद की केवल दो एकड़ भूमि है जिसमें से वह एक एकड़ पर खाद्यान्न और दूसरे पर एलोवेरा की खेती करता है। कामकाज के दौरान उनको एक ऐसी मशीन की आवश्यकता हुई जो एलोवेरा, टमाटर, आंवला, जामुन, स्टीविया अन्य जड़ी-बूटियों, फूलों व फलों को प्रोसेस कर सके। करीब दो वर्ष तक एक के बाद एक डिजाइन तैयार करने के बाद उसको वह डिजाइन बनाने में सफलता हासिल हुई जिसे वह वाकई बनाना चाहता था। इस अविष्कार के बूते पर धर्मवीर दुनिया भर में पहचान बना चुके हैं। 

Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभारजागरण समाचार 
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.