हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा (एचटेट) में पेपर लीक करने की घटना को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया था। सोनीपत स्थित इंडियन स्कूल का प्राचार्य राजेंद्र गाहल्याण न केवल सील टूटने के मामले से पूरी तरफ वाकिफ था बल्कि पेपर के दौरान सेंटर में होने वाली वीडियोग्राफी भी पहले से फिक्स थी, ताकि पेपर
आउट होने की कोई संदिग्ध गतिविधि कैमरे में कैद न हो पाए। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इस मामले में गिरफ्तार राजेंद्र रंधावा ने पुलिस रिमांड के दौरान चौकाने वाले खुलासे किए हैं। शनिवार को पांच दिन का रिमांड खत्म होने के बाद उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। पुलिस अब फरार चल रहे आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सर्च अभियान की रणनीति पर काम कर रही है। अभी तक उसे किसी भी आरोपी की मोबाइल लोकेशन नहीं मिल पाई है। आरोपी नए मोबाइल व नंबर का प्रयोग कर रहे हैं।
खुद भी सरेंडर कर सकते हैं आरोपी: इस मामले में फरार चल रहे आरोपियों में से कुछ द्वारा स्वयं पुलिस के सामने सरेंडर करने की भी संभावना बनी हुई हैं। राजेंद्र रंधावा को ही मामले का मुख्य आरोपी समझा जा रहा था, परंतु रंधावा से पूछताछ के बाद पूरा परिदृश्य ही बदल गया तथा रंधावा की जगह राजेंद्र गाहल्याण, पवित्र गुलिया, राजीव दहिया पेपर लीक मामले में मुख्य किरदार के रूप में सामने आए हैं। इस मामले में जेबीटी शिक्षक पवन व अजय पहले से ही वांछित थे तथा तीन नए नाम और सामने आने के बाद फरार आरोपियों की संख्या पांच हो गई हैं। बोर्ड प्रतिनिधि सुरेंद्र कुमार भी एक आरोपी है, परंतु पुलिस सुरेंद्र को लेकर अधिक गंभीर नहीं है। ऐसे में पांच मुख्य आरोपियों में से ही कुछ के सरेंडर करने के कयास लगाए जा रहे हैं।
ट्रेजरी से सेंटर तक हुआ खेल: रंधावा से पूछताछ में पता चला कि पेपर लीक आउट की घटना को ट्रेजरी से सेंटर के बीच ही अंजाम दिया गया था। बीच रास्ते में पेपर लीक होने के चलते ही सेंटर पर सील टूटे हुआ लिफाफा पहुंचा था। जिसके बारे में स्कूल का प्रधानाचार्य राजेंद्र गाहल्याण को पहले से पूरी जानकारी थी।
राजेंद्र रंधावा ने रिमांड के दौरान जिनके नाम लिए हैं उनकी तलाश लगातार जारी है। उनकी गिरफ्तारी के बाद ही मामले की तह तक जाया जा सकेगा। पुलिस टीम जल्द इस पूरे मामले का खुलासा करेगी। किसी को नहीं दोषी को नहीं छोड़ेगी। -अभिषेक जोरवाल, एसपी जींद
एचटेट पेपर लीक मामले में किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। पूर्व कांग्रेस सरकार के समय में सामने आए इस तरह के मामलों में अगर कोई कार्रवाई की जाती तो अब यह नौबत नहीं आती। -कविता जैन, कैबिनेट मंत्री
रंधावा को जेल भेजने के बाद अब पुलिस का ध्यान फरार आरोपियों की गिरफ्तारी पर रहेगा। इस पर काम शुरू कर दिया गया है तथा इसके लिए सभी विकल्पों पर काम किया जाएगा। फिलहाल आरोपियों के मोबाइल लॉकेशन का पता नहीं है, परंतु उम्मीद है कि आरोपी शीघ्र ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में नया खुलासा हो पाएगा। -वसीम अकरम, एएसपी नरवाना।
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साभार: जागरण समाचार
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