Thursday, December 31, 2015

महापूल: ऑड-ईवन फॉर्मूले का इलाज निकाला फरीदाबाद के भारत भूषण ने

दिल्ली सरकार के सम-विषम फॉर्मूले के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र व आसपास के उन लोगों की चिंतित होने की जरूरत नहीं है, जिन्हें नौकरी या किसी अन्य कार्य के लिए हर रोज दिल्ली आना-जाना पड़ता है। बस जरूरत ऐसे साथियों की है जो हर रोज अपने वाहन से दिल्ली जाते हों और आपको भी साथ ले जाएं। यह पोस्ट
आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। दिल्ली में नए साल से लागू हो रहे सम-विषम फॉमरूले से होने वाली परेशानियों से निपटने में सेक्टर-28 निवासी मैकेनिकल इंजीनियर भारत भूषण का ‘महापूल एप’ कारगर साबित हो सकता है। इस एप पर दिल्ली सहित अन्य रूटों पर कार व मोटरसाइकिल ‘पूल’ की जा सकती हैं। करीब एक साल पहले लांच हुए उनके एप से एनसीआर के करीब 5 हजार लोग जुड़े हैं। इनमें 50 फीसद लोग ऐसे हैं जिनके पास कार या मोटरसाइकिल है। वे रोज दिल्ली आते-जाते हैं, साथ ही पूलिंग करना चाहते हैं। भारत भूषण का कहना है कि दिल्ली सरकार के सम-विषम फॉमरूला लागू करने की घोषणा के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने उनका एप डाउनलोड किया है। एप से सम व विषम दोनों नंबरों के वाहन मालिक जुड़े हुए हैं। इसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करने के बाद यात्री या कार चालक के तौर पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसमें अपनी फोटो, ड्राइ¨वग लाइसेंस, पैन कार्ड या अन्य आइकार्ड की फोटो भी अपलोड करनी होगी। साथ ही, कम से कम 100 रुपये का रिचार्ज भी कराना होगा। महापूल का सदस्य बनने के बाद आपके पास कार है और फरीदाबाद से दिल्ली जा रहे हैं तो एप पर लोकेशन सेव करने से ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) के माध्यम से आपके रूट के पांच किलोमीटर के दायरे में उन लोगों का विवरण दिखने लगेगा, जो दिल्ली जाना चाहते हैं और कार या मोटरसाइकिल पूल की सेवा लेना चाहते हैं। यदि आप यात्री के तौर पर रजिस्ट्रेशन कराते हैं तो लोकेशन फीड करते ही आपके रूट पर आ रही कार या मोटरसाइकिल की जानकारी दिखने लगेगी। जैसे ही यात्री कार या बाइक में बैठते हैं तो एक निर्धारित किराया आपके खाते से कटकर वाहन चालक के खाते में पहुंच जाएगा। इस सुविधा का लाभ टैक्सी वाले न उठाएं, इसके लिए इंतजाम किया है कि एक कार चालक दिन में चार बार से ज्यादा यात्री नहीं ले जा सकता। पूना के महाराष्ट्र इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद भारत भूषण ने शहर की कई कंपनियों में काम किया। मगर सड़कों पर गाड़ियों की आपाधापी और उससे पर्यावरण को हो रहे नुकसान से बचने के लिए दूसरे देशों में कार-पूलिंग की खबरें पढ़ कर उन्होंने भी एक आविष्कार करने की ठानी। वर्ष 2010 में उन्होंने मोबाइल एप्लीकेशन बनाने का काम शुरू किया और अब वह इसे पूरी तरह विकसित कर चुके हैं। इस एप्लीकेशन को ‘महापूल’ नाम दिया है।  
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साभारजागरण समाचार 
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