Monday, December 28, 2015

दाखिले के साथ आधार नहीं हुए लिंक: स्कूलों में फर्जी दाखिलों की होगी जांच

एक ओर जहां शिक्षा के गिरते स्तर को लेकर मंथन चल रहा है, वहीं दूसरी ओर एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है। सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को लुभाने के लिए मिड डे मील, छात्रवृत्ति जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके बावजूद आज तक छात्रों का रुझान सरकारी स्कूलों की ओर कम और निजी स्कूलों की ओर ज्यादा है। लेकिन यदि आपको पता चले कि सरकारी स्कूलों के दाखिलों का आंकड़ा भी फर्जी था तो हैरान होना लाजिमी है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। जी हां, प्रदेश में लाखों छात्रों के फर्जी दाखिले होने की बात सामने आई है। इन छात्रों के नाम पर बांटा जाने वाला मिड डे मील व छात्रवृति को लेकर भी घपले की आशंका जताई जा रही है।

सूत्र बताते हैं कि शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी स्कूलों में दाखिले के साथ आधार कार्ड अटैच करने की शर्त लागू की हुई है। इसी के चलते हरियाणा में छात्रों की संख्या में पांच लाख छात्र घट गए हैं। सवाल उठता है कि जहां एक ओर जनसंख्या बढ़ रही है, वहीं दूसरी और छात्र अचानक घट कैसे गए। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का मानना है कि प्रदेश में फर्जी दाखिले दिखाकर मिड डे मील व दूसरी सुविधाओं को लेकर चपत लगाने का सिलसिला चल रहा था। जल्द ही इस मामले में जांच शुरू की जा रही है।

सूत्र बताते हैं कि पिछले वर्ष हरियाणा में पहली से बारहवीं कक्षा तक करीब 27 लाख छात्रों के दाखिले किए गए थे। लेकिन इस बार आधार कार्ड लागू होने के बाद यह आंकड़ा केवल 22 लाख तक ही मुश्किल से पहुंच पाया है। नौवीं से बारहवीं कक्षा तक तो स्थिति काफी हद तक ठीक है, लेकिन सर्वाधिक गड़बड़ी पहली से आठवीं कक्षा तक मिली है। इसका कारण यह माना जा रहा है कि पहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को प्रदेश में मिड डे मील दिया जा रहा है। इस वजह से स्कूलों में छात्रों के फर्जी रजिस्ट्रेशन करने की परंपरा रही है। इसके साथ ही छात्रवृत्ति का भी कोई हिसाब किताब न होने की वजह से हर साल करोड़ों रुपये छात्रवृत्ति की ग्रांट जारी होती है। इस पर भी अंकुश लगाने की तैयारी विभाग के अधिकारी कर रहे हैं।

चौंकाने वाले हैं आंकड़े: शिक्षा विभाग के निदेशक एमएल कौशिक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर इतने बड़े पैमाने पर रजिस्ट्रेशन कम होना गड़बड़ी को दर्शाता है। विभाग ने सरकारी व निजी दोनों ही तरह के स्कूलों में आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है। सरकारी स्कूलों में 95 फीसद से ज्यादा यह कार्य हो चुका है, जबकि निजी स्कूलों में अभी 80 फीसद ही आधार कार्ड अटैच हो पाए हैं। 

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साभारजागरण समाचार 
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