Thursday, December 31, 2015

18 राज्यों ने कहा कि आठवीं कक्षा तक फेल न करने की नीति हो समाप्त

केंद्र सरकार की ओर से नो डिटेंशन पॉलिसी के संबंध में सुझाव के लिए राजस्थान के शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी की अध्यक्षता में बनी कमेटी की पहली बैठक बुधवार को दिल्ली में हुई। 22 में से 18 राज्यों ने 8वीं तक फेल नहीं करने की नीति में बदलाव की मांग की। कमेटी ने इस नीति में सुधार और बदलाव की अनुशंसा केंद्र सरकार को भेजने का निर्णय लिया। बैठक में राज्यों के शिक्षा मंत्रियों, उनके प्रतिनिधियों के साथ ही
मानव संसाधन विकास विभाग की उप सचिव अनामिका मौजूद थी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। कमेटी ने 22 राज्यों से इस संबंध में सुझाव मांगे थे, जिनमें से 18 राज्यों ने इस पॉलिसी में सुधार करने और बदलाव किए जाने पर सहमति जताई है। देवनानी ने बताया कि बैठक में इस बात पर सहमति जताई कि प्रत्येक कक्षा में स्थानीय स्तर पर विद्यार्थियों का सतत मूल्यांकन किया जाए। 
इन प्रस्तावों पर भी बनी सहमति:
  • प्रत्येक कक्षा के लिए विद्यार्थी की पात्रता का एक निश्चित लर्निंग लेवल भी तय हो। कक्षा 1 से 4 तक विद्यार्थियों को फेल नहीं किया जाए परन्तु लर्निंग लेवल को सभी विद्यार्थियों को प्राप्त करना होगा, इसे सुनिश्चित किया जाए। 
  • 5 वीं की परीक्षाएं राज्य सरकारों के स्तर पर तय हो। 
  • जो विद्यार्थी किसी भी मूल्यांकन में लर्निंग लेवल प्राप्त नहीं कर पाएंगे, उनकी एक माह बाद दोबारा परीक्षा ली जाए। फिर भी यदि विद्यार्थी निर्धारित लर्निंग लेवल नहीं प्राप्त करता है तो उसे उसी कक्षा में रहना होगा। 
  • कक्षा 6 और 7 में फेल नहीं करने पर परन्तु लर्निंग लेवल सुनिश्चित करने और 8 वीं में बोर्ड की परीक्षा कराई जाए। 

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साभारभास्कर समाचार 
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