Monday, December 28, 2015

मांगे नहीं मानी तो निजी स्कूल संचालक करेंगे आंदोलन

प्रदेशभर में संचालित निजी स्कूलों के करीब बीस हजार शिक्षक 23 सूत्रीय मांगों को लेकर 13 फरवरी को करनाल में एकत्र होकर महासम्मेलन के रूप में अपना शक्ति प्रदर्शन करेंगे। महासम्मेलन के बाद भी प्राइवेट स्कूल संचालकों की मांगें पूरी नहीं हुई तो वह सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। यह निर्णय हरियाणा प्राइवेट
स्कूल संघ की रविवार को छोटूराम धर्मशाला में आयोजित राज्यतरीय मीटिंग में लिया गया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा नेता रामबिलास शर्मा व कैप्टन अभिमन्यु ने वादा किया था कि भाजपा सरकार बनते ही शिक्षा नियमावली को सरल करके सभी स्कूलों को मान्यता दी जाएगी। भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में भी इस वादे को दोहराया गया था, लेकिन अभी तक प्राइवेट स्कूलों की किसी भी मांग को पूरा नहीं किया गया है। पूर्व सरकार के राज में भी कई बार मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया। अनिश्चितकालीन हड़ताल भी की गई, जिसके बाद पूर्व सरकार ने स्थाई मान्यता देने का आश्वासन दिया था, वहीं चुनाव से पूर्व भाजपा नेता भी स्थाई मान्यता देने की बात कर स्कूल संचालकों के वोट हासिल कर गए और सत्ता में आने के बाद अपने किए वायदों से मुंह मोड़ रहे है। जिसे स्कूल संचालक बिल्कुल भी सहन नहीं करेंगे। वहीं जिलाध्यक्ष र¨वद्र नांदल ने कहा कि सरकार ने निजी स्कूल संचालकों की समस्याओं का समाधान करने के लिए एक कमेटी गठित की थी, जिसकी एक बार भी मुख्यमंत्री से प्रमुख सचिव के साथ मीटिंग नहीं हुई। वहीं शिक्षा विभाग के डायरेक्टर ने तीन सदस्यों की कमेटी बनाकर निजी स्कूलों की जांच करने के निर्देश दे दिए, साथ ही मापदंड पूरा न करने वाले स्कूलों को बंद करने के आदेश भी जारी कर दिए है। शिक्षा निदेशालय ने यह निर्णय सरकार की शह पर लिया है, जिसको लेकर सभी निजी स्कूल संचालकों में रोष है। उन्होंने कहा कि करनाल महासम्मेलन के बाद भी कोई समाधान नहीं हुआ तो बड़े आंदोलन की घोषणा कर दी जाएगी, जिसकी जिम्मेदारी स्वयं सरकार की होगी। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में संघ के सदस्य मौजूद रहे।
ये हैं मांगें, पूरी नहीं हुईं तो सड़कों पर उतरेंगे:
  • अस्थाई व गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को एक कमरा एक कक्षा के तहत बिना भूमि साइज की शर्त के मान्यता दी जाए। 
  • नौंवी से 12वीं के लिए तीसरी मंजिल के लिए भूमि में 30 प्रतिशत की छूट दी जाए। 
  • दस अप्रैल 2007 से पहले मौजूदा स्कूलों को अपग्रेड के लिए पुराने नियम लागू किए जाए और इसके लिए फाइल लगाने की समय सीमा तय नहीं की जाए। 
  • 3200 अस्थाई स्कूलों को एक मुश्त स्थाई मान्यता दी जाए। 
  • स्कूली बसों की आयु सीमा 20 वर्ष की जाए। 
  • नियम 134ए को समाप्त किया जाए। 
  • मान्यता के लिए पट्टानामे की बजाए किराएनामे को वैध दस्तावेज माना जाए। 
  • स्कूलों में सुविधाएं बढ़ाने के लिए ब्याज रहित लोन सुविधा दी जाए। 

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साभारजागरण समाचार 
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