‘मेरा साया’, ‘वो कौन थी’ और ‘वक्त’ जैसी अमर फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री साधना शिवदासानी का शुक्रवार को निधन हो गया। 74 वर्षीय साधना ने यहां के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। नामचीन अदाकारा का पार्थिव शरीर मुंबई के उपनगरीय इलाके में स्थित उनके आवास पर ले जाया गया। यहां उनकी पूर्व सहयोगी और मित्र वहीदा रहमान सहित हंिदूी फिल्म जगत की कई शख्सियतों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। अभिनेत्री का अंतिम संस्कार शनिवार को सांताक्रूज में किया जाएगा। 1941 में सिंधी परिवार में
जन्मी साधना का नाम उनके पिता की पसंदीदा अभिनेत्री साधना बोस के नाम पर रखा गया था। उनके पिता अभिनेत्री बबिता के पिता अभिनेता हरि शिवदासानी के भाई थे। साधना माता-पिता की इकलौती संतान थीं। शादी फिल्म निर्माता आरके नायर से हुई थी। 1955 में राजकपूर की फिल्म ‘श्री 420’ में ‘मुड़-मुड़ के ना देख’ गीत में भीड़ का हिस्सा बनीं साधना ने अपने करियर में कभी मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने सिंधी फिल्म ‘अबाना’ से बतौर मुख्य अभिनेत्री अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। बॉलीवुड में बतौर अभिनेत्री साधना की पहली फिल्म आरके नायर की ‘लव इन शिमला’ थी। फिल्म ने जबरदस्त सफलता हासिल की। उनकी कुछ यादगार फिल्मों में हम दोनों, एक मुसाफिर एक हसीना, असली-नकली, मेरा महबूब और वो कौन थी शामिल हैं।
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साभार: जागरण समाचार
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